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यूनुस अलवी
नुहं, 30 मार्च : सिविल सर्जन डा. राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि एक राष्ट्रव्यापी अभियान के अंतर्गत खसरा तथा रूबेला के प्रति सुरक्षा प्रदान करने के लिए खसरा रूबेला ( एम.आर. ) का टीका स्कूल तथा आउटरीच सत्रों में अप्रैल माह में आरंभ किया जाएगा। इस ( एम.आर. ) टीके को बाद में नियमित टीकाकरण में शामिल कर लिया जाएगा। इस अभियान के अंतर्गत 9 माह से 15 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्चों को यह टीका लगाया जाएगा भले ही पहले उन्हें एम.आर., एमएमआर का टीका दिया जा चुका हो।
उन्होंने बताया कि खसरा एक जानलेवा रोग है जोकि वायरस द्वारा फैलता है बच्चों में खसरे के कारण विकलांगता तथा असमय मृत्यु हो सकती है। रूबेला एक संक्रामक रोग है जो वायरस द्वारा फैलता है। इसके लक्षण खसरा रोग जैसे होते हैं, यह लड़के लड़के या लड़की दोनों को संक्रमित कर सकता है। यदि कोई महिला गर्भ अवस्था में शुरुआती चरण में इससे संक्रमित हो जाए तो कंजेनिटल रूबेला सिड्रोम हो सकता है जो कि उसके भूण्र तथा शिशु के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। उन्होंने बताया कि खसरा रूबेला का टीका 9 माह से 15 वर्ष की आयु तक सभी बच्चों को अप्रैल माह में जिले ने सभी स्कूलों, सामुदायिक केंद्रों, आंगनवाड़ी केंद्रों और सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर लगाया जाएगा। खसरा रूबेला का टीका पूर्ण रूप से सुरक्षित है एवं इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं होते। बच्चों का यह टीका एक प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी द्वारा लगाया जाएगा। इस सामुहिक अभियान में अपनी भागीदारी सुनिश्चत करें। खसरा रोग के सफाये तथा रुबैला को नियंत्रित करने के लिए 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को यह टीका दिया जाना अत्यावश्यक है।