Font Size
: पीडित परिवार ने गत 26 फरवरी को थाने में शिकायत दे दी थी।
यूनुस अलवी
मेवात: मेवात की महिला पुलिस सुप्रिम कोर्ट के आदेश नहीं मानती बल्कि अपने ही आदेश चलाती है। भले ही अदालत ने शिकायत मिलते ही मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे रखे हैं लेकिन मेवात का महिला थाना तुरंत कार्रवाई करने की बजाऐ पीडिताओं को कई दिन तो टरकाता रहता है या फिर उनकी शिकायत को राजनेतिक या झूंठी बताकर दूसरे पक्ष से सांठगांठ कर ली जाती है।
ऐसा ही एक मामला नगीना खंड का सामने आया जहा एक चौदह साल की नाबालिक लडकी के 26 फरवरी को घर में घुसकर बलात्कार किया। आखिरकार दस दिन बाद मंगलवार को पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पास्को ऐक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। लेकिन अभी तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
पीडित लडकी के पिता ने बताया कि 26 जनवरी को करीब 12 बजे की बात है कि वह पूरे परिवार के साथ खेतों पर काम कर रहा था। घरेलू कार्याे को संभालने के लिए उसकी साडे चौदह साल की बेटी घर पर थी। जब वह घर पर काम कर रही तो अचानक गांव गुजरनंगला निवासी आरोपी रिजवान पुत्र तैयब घर पहुंच गया। लडकी को घर पर अकेली देखकर आरोपी जबरजस्ती उसकी बेटी को कमरे में ले गया जहां उसके साथ जबरजस्ती गलत काम कर रहा था इसी दौरान लडकी की बुआ आ गई। जब उसकी बुआ को कमरे में लडकी के चिल्लाने की आवाज सुनाई दी तो उसने दरवाजा भटखटाया। आरोपी घर का दरवाजा खोल और महिला को धक्का देकर भाग गया।
लडकी के पिता ने बताया कि उसने उसी दिन महिला थाना नूंह मे आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कराने की शिकायत दे दी थी। पहले तो थाना प्रभारी मामला दर्ज करने की बात कर रही है लेकिन जब से आरोपी पक्ष पुलिस दलालों के साथ उनसे मिले हैं तो थाना प्रभारी के तेवर ही बदल गऐ हैं। उन्होने कहा पुलिस ने आठ दिन तक उसकी बेटी का मेडिकल नहीं कराया। बडी मुश्किल से दस दिन बाद मामला दर्ज किया गया है।
नहीं मिली कोई महिला डाक्टर
पुलिस ने पोस्कों ऐक्ट के तहत आरोपी रिजवान के खिलाफ मामला तो दर्ज कर लिया लेकिन पूरी मेवात में महिला डाक्टर ना मिलने की वजह से पीडिता का मेडिकल नहीं हो सका। महिला थाना प्रभारी मुनिया का कहना है कि पास्को ऐक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। लेकिन मंगलवार को नूंह, मांडीखेड के अल-आफिया अस्पताल में महिला डाक्टर ना होने से मेडिकल नहीं हो सका अब बुधवार को मेडिकल कराया जाऐगा।