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11 मार्च को टोहाना में होने वाली जन अधिकार रैली में जनता के बुनियादी अधिकारों की बहाली की मांग करेंगे
हिसार : जन अधिकार रैली में निर्माण मजदूर भी बड़ी संख्या में हिस्सेदारी करेंगे । उक्त बात यहां सथनीय गंगवा गांव में निर्माण मजदूरेां की बैठक को सम्बोधित करते हुये भवन निर्माण कामगार यूनियन के प्रदेश महासचिव सुखबीर सिंह ने कही ।
उन्होने कहा कि 11 मार्च को टोहाना में होने वाली जन अधिकार रैली जनता के बुनियादी अधिकारों की बहाली की मांग को लेकर हो रही है । उन्होने कहा कि जन अधिकार के नाम से रैली करने का मतलब है कि देश-प्रदेश की जनता की एकता और उनके अधिकारों पर जबरदस्त हमले हैं जिनकी रक्षा करना प्रमुख जिम्मेवारी है। उन्होने कहा कि भाजपा-आर.एस.एस. सरकार ने सबसे बड़ा धोखा किसानों, नौजवानों, छोटे कारोबारियों, श्रमिकों और कर्मचारियों के साथ किया है। निर्माण मजदूरों के कल्याण बोर्ड में हजारों करोड़ रू जमा होने के बावजूद भी समय पर सुविधाएं नहीं मिल रही हैं । एक आदमी एक सुविधा के नाम पर निर्माण मजदूरों को मिलने वाली कन्यादान व वजीफा की राशी को बंद किया जा रहा है । एक तरफ सरकार दलितों व पिछड़ों की हितैषी होने का दंभ भरती है वहीं दूसरी आश्रै उन्हे मिलने वाली सुविधाओं पर डाका डाल रही है । प्रदेश के विधायकों के पास मजदूरों की सुनने की फुरस्त नहीं है ।
उन्होने कहा कि मजदूरों व गरीब जनता के लिए सरकार के पास बजट की कमी है वहीं हर वर्ष देश के बढ़े बड़े सरमायेदारों को लाखों करोड़ रू की टैक्स में छूट दी जा रही है । दुःख की बात यह है कि मनरेगा, राशन, बुढ़ापा-विधवा-विकलांग पेंशन, अनुसूचित जाति के छात्रों के वजीफे के लिए तो इनके पास पैसे नहीं हैं, किंतु गीता, सरस्वती, योग, डेरों बाबाओं की सेवा में सरकारी खजाने को लुटा रहे हैं। भाजपा ललित मोदी, विजय माल्या, नीरव मोदी, येदुरप्पा, व्यापमं, राफेल आदि के जरिए घोटालों व बैंकों, खनिज धन की लूट करने वालों की सरगना बन गई है।
उन्होने कहा कि भाजपा-आर.एस.एस. की राजनीति देश-प्रदेश में धर्म-सम्प्रदाय, जाति के नाम पर नफरत, हिंसा और धु्रवीकरण को बढ़ावा देने की है। गौसंरक्षण के नाम पर तथाकथित गौरक्षकों के अपराधिक गिरोहों को संरक्षण दिया जा रहा है। गौपालकों और पशुव्यापारियों पर हमले कर उनकी हत्या तक की जा रही है? राज्य में अपराधियों के हौंसले बुलंद हैं। चोरी, छीनाझपटी, डकैती, अपहरण, हत्या, छोटी-छोटी बच्चियों और महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्याएं, दलितों, अल्पसंख्यकों पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं। सरकार गीता-गायत्री के आयोजनों में प्रशासन को उलझाए रखती है।
उन्होने कहा कि देश की आजादी के आन्दोलन में जिस प्रकार से जमाम धर्माे और जातियों के लोग एकजुट होकर लड़े थे उसी प्रकार अपने हकों को लेकर संघर्ष करने की जरूरत है तभी कुछ हासिल किया जा सकता है । उन्होने सरकार से मांग कि की समय रहते निर्माण मजदूरों व मेहनतकश जनता की मांगो को पूरा करे अन्यथा आने वाले समय में आन्दोलन और तेज होगा । बैठक को यूनियन के तहसील सचिव मनोज सोनी, सह सचिव राकेश गंगवा प्रजापति ने भी सम्बोधित किया ।