– मेयर मधु आजाद की अध्यक्षता में हुई बैठक
– नगर निगम आयुक्त वी. उमाशंकर सहित निगम पार्षद रहे उपस्थित
– कई विकास कार्यों के बारे में हुई विस्तार से चर्चा
– निगम पार्षदों द्वारा बताए गए विकास कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर करने को कहा गया
– वाटर हारवैस्टिंग और तालाबों का जीर्णोद्धार करने का लिया निर्णय
गुरूग्राम, 19 फरवरी। गुरूग्राम की मेयर मधु आजाद की अध्यक्षता में उनके कार्यालय में एक अहम बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में नगर निगम आयुक्त वी. उमाशंकर सहित अतिरिक्त आयुक्त, संयुक्त आयुक्त एवं निगम पार्षद उपस्थित रहे। बैठक में मेयर ने कहा कि नगर निगम गुरूग्राम के सदन की सामान्य बैठक दो बार हो चुकी है, जिसमें विभिन्न निगम पार्षदों द्वारा उनके वार्डों में विकास कार्य करवाने बारे कहा गया था। इन कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर करवाया जाए। उन्होंने कहा कि अभी बरसात का मौसम आने वाला है।
ऐसे में नगर निगम सीमा में जितने भी पुराने वाटर हारवैस्टिंग सिस्टम हैं, उन्हें दुरूस्त करवाएं तथा अन्य स्थानों पर नए सिस्टम लगाने की कार्रवाई शुरू करवाएं। इसके साथ ही पुराने तालाबों का जीर्णोद्धार करवाने पर भी विस्तार से चर्चा की गई। मेयर ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह जल संरक्षण के प्रति काफी गंभीर हैं। सरकार द्वारा तालाबों के लिए प्राधिकरण का भी गठन किया गया है। पुराने तालावों का जीर्णोद्धार करने से एक ओर जहां जलभराव की समस्या का समाधान होगा, वहीं दूसरी ओर पानी का संरक्षण भी हो पाएगा। उन्होंने कहा कि अगर हमने अभी से इस ओर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय में पानी की समस्या गंभीर हो जाएगी। ऐसे में हमारा यह कत्र्तव्य बनता है कि हम अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए जल का संरक्षण जरूर करें।
बैठक में ग्रीन बैल्ट क्षेत्रों को दुरूस्त करने पर भी विचार-विमर्श किया गया। मेयर ने कहा कि नगर निगम सीमा में स्थित ग्रीन बैल्ट क्षेत्रों को सही करवाएं और उनमें ग्रीनरी को बढ़ावा दें, ताकि वातावरण शुरू हो और हमारा शहर हरा-भरा हो सके। जहां पर ग्रीनरी संभव नहीं है, उन स्थानों को पक्का करवाएं, ताकि धूल-मिट्टी खत्म हो सके। इसके साथ ही फुट ओवर ब्रिजों के पीलरों पर वर्टिकल बागवानी करवाएं। इससे शहर सुंदर भी होगा तथा ग्रीनरी को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि शहर में हरियाली बढ़ाने और वातावरण को शुद्ध बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
इसके अलावा, गरीब एवं विधवा महिलाओं के लिए चलाए जा रहे सिलाई सैंटरों और ब्यूटी पार्लर सैंटरों को दुबारा से शुरू करवाया जाए, ताकि महिलाएं सिलाई आदि का कार्य सीखकर रोजगार कर सकें। उन्होंने उदाहरण दिया कि इस प्रकार का सैंटर गुरू रविदास मंदिर में पहले चलाया जा रहा था, जिसे दुबारा से शुरू करवाया जाएगा। इसके साथ ही बैठक में यह भी कहा गया कि आयुध डिपो के प्रतिबंधित दायरे में रहने वाले लोगों के लिए सीवरेज सुविधा मुहैया करवाने बारे सरकार को अनुरोध भेजा जाएगा। इन क्षेत्रों में सीवरेज सुविधा नहीं होने के कारण काफी गंदगी रहती है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि इंजीनियरिंग विंग के साथ अतिरिक्त निगमायुक्त एक बैठक करेंगे। इस बैठक में चीफ इंजीनियर, एसई, एक्सईएन सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित होंगे। इंजीनियरिंग विंग के अधिकारियों से कहा जाएगा कि वे अपने-अपने जोन तथा वार्डों में स्थानीय पार्षदों के साथ बैठकें करें और जनता की शिकायतों का समाधान करें। इसके साथ ही विकास कार्यों की निगरानी के लिए निगम पार्षदों की कमेटी का भी गठन किया गया।
बैठक में नगर निगम आयुक्त वी. उमाशंकर ने मेयर एवं निगम पार्षदों को आश्वासन दिया कि निगम पार्षदों द्वारा बताए गए कार्यों को शीघ्र करवाया जाएगा और विकास कार्यों में किसी प्रकार की कमी नहीं रहेगी। बैठक में एडीशनल म्यूनिसिपल कमिशनर वाई एस गुप्ता, निगम पार्षद आर एस राठी, दिनेश सैनी, संजय प्रधान, रविन्द्र यादव, शकुंतला यादव उपस्थित थे।