23 फरवरी, 2018 को बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की 64वीं जयन्ती
गुरु पूजा दिवस का किया जाएगा आयोजन
संत निरंकारी चेरिटेबल फाउंडेशन के तत्वावधान में वृक्षारोपण व सफाई अभियान
वृक्षारोपण के अंतर्गत लगाए गए पोधों की एक वर्ष तक करेंगे देखरेख
दिल्ली, 14फरवरी : संत निरंकारी मिशन 23 फरवरी, 2018 को बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की 64वीं जयन्ती गुरु पूजा दिवस के रूप में मनायेगा। उस दिन मिशन की सभी शाखाओं में होने वाले सत्संग कार्यक्रमों में बाबा जी को श्रद्धांजलि अर्पित की जायेगी और उनके जीवन तथा शिक्षाओं से प्रेरणा ली जायेगी।
गुरु पूजा दिवस के उपलक्ष्य में ही 24 फरवरी, 2018 को संत निरंकारी चेरिटेबल फाउंडेशन के तत्वावधान में एक वृक्षारोपण तथा सफाई अभियान चलाया जायेगा जिसमें देशभर में 264 सरकारी अस्पतालों पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। इन अस्पतालों की बाहर से तथा परिसर के अंदर स्थित पार्कों इत्यादि की सफाई की जायेगी।
दिल्ली में जिन अस्पतालों में यह सफाई अभियान आयोजित किया जायेगा, उनमें सम्मिलित हैंः डाॅ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल, डाॅ. बाबा साहेब अम्बेडकर अस्पताल, जग प्रवेश चंद्रा अस्पताल, लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल, डाॅ. हेडगेवर आरोग्य संस्थान, लेडी हार्डिंग अस्पताल, नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ टी.बी. और दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल।
जिन ब्रांचों के निकट कोई सरकारी अस्पताल अथवा डिस्पेंसरी आदि नहीं है, वहां पर संत निरंकारी सत्संग भवनों तथा पार्कों की सफाई के साथ-साथ वृक्षारोपण भी किया जायेगा। मिशन की अनेक शाखाओं ने सत्संग भवनों के नज़दीक पार्कों को सुंदरता और रख-रखाव के लिए गोद लिया हुआ है। वृक्षारोपण के अंतर्गत लगाए गए पोधों के लिए कम से कम एक वर्ष तक उनकी देखभाल की जायेगी।
इस अभियान में फाउंडेशन के वोलंटियर तथा सेवादल के भाई-बहन अपनी-अपनी निर्धारित वर्दी में आयेंगे जबकि उनके साथ मिशन के अन्य श्रद्धालु भक्त भी भाग लेंगे। इस अभियान में भाग लेने वाले सभी सदस्य प्रातः 7.30 बजे निश्चित स्थान पर एकत्रित होंगे और सुमिरन तथा प्रार्थना के बाद प्रातः 8.00 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक अभियान चलायेंगे।
गुरु पूजा दिवस पर मिशन के द्वारा ऐसे वृक्षारोपण तथा सफाई अभियान वर्ष 2003 से आयोजित किये जा रहे हैं। सन् 2010 से यह अभियान संत निरंकारी चेरिटेबल फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित किये जा रहे हैं। इस दिन समय-समय पर ऐतिहासिक स्थलों, रेलवे स्टेशनों, पार्कों, अस्पतालों-डिस्पेंसरियों, समुद्र तथा नदियों के तटों आदि की सफाई की जाती रही हैं।