नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत ने यह निर्णय लिया है कि कलीजियम के सभी फैसलों को सार्वजनिक किया जाएगा। लम्बे अर्से से कलीजियम सिस्टम को लेकर उठ रहे सवाल के मद्दे नजर यह निर्णय लिया गया है. कोर्ट ने कलीजियम के फैसले वेबसाइट पर अपलोड करने का फैसला किया है. मिडिया में खबर है कि कलीजियम की कार्यवाही में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जजों के प्रमोशन, ट्रांसफर और कन्फर्मेशन सहित उसके फैसलों को अपलोड किया जायेगा. उल्लेखनीय है कि 3 अक्टूबर को यह फैसला लिया गया .
खबर के अनुसार कलीजियम की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर कहा गया है कि इस सिस्टम में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और इसके बाद भी गोपनीयता बनाए रखने के इरादे से कलीजियम ने कुछ फैसले किए हैं. हाई कोर्ट के लिए जजों का प्रारंभिक प्रमोशन, जजों को पर्मानेंट करने की पुष्टि, हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के पद पर प्रमोशन, चीफ जस्टिस और जजों के तबादले और सुप्रीम कोर्ट में प्रमोशन से संबंधित मामलों में सरकार के पास सिफारिश भेजे जाने के बारे में लिये गये फैसलों को इनके कारण बताते हुये इन्हें सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया जायेगा.
इस निर्णय का पालन भी किया जाने लगा है. अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किये गये पहले प्रस्ताव में तीन न्यायिक अधिकारियों और आयकर अपीली न्यायाधिकरण के एक न्यायिक सदस्य की मद्रास उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के सम्बन्ध में सूचना उपलब्ध कराई गई है. इनमें पुडुचेरी के चीफ जस्टिस एस रामनाथलिंगम, मदुरै के प्रमुख जिला जज आर थरानी, मद्रास हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार (न्यायिक) पी राजामणिकम और कोलकाता में आयकर अपीली न्यायाधिकरण के न्यायिक सदस्य वासुदेवन वी नादातुर शामिल हैं. दूसरा प्रस्ताव मद्रास हाई कोर्ट में छह न्यायिक अधिकारियों की न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के बारे में है जो अपलोड किया गया है. तीसरा प्रस्ताव तीन न्यायिक अधिकारियों की केरल हाई कोर्ट में जज के पद पर प्रमोशन के सम्बन्ध में है.
न्यायिक दुनिया की पारदर्शिता को बनाए रखने और न्याय के मंदिर के प्रति आम लोगों के विश्वास को कायम रखने के लिए यह ऐतिहासिक फैसला मन जा रहा है. इसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे .