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: डीएसपी ने मामले की जांच अपराध शाखा पुलिस को सौंपी
: पीडित गांव भादस का नंबरदार है और एक सामाजिक संस्था का अध्यक्ष है
यूनुस अलवी
मेवात: बहन से मिलने गए गांव भादस निवासी इरशाद को नूंह पुलिस ने पकड लिया और उसके साथ थ्रर्ड डिगरी का इस्तेमाल कर उसकी जमकर पिटाई कर छोड दिया। बेगुनाह के साथ नूंह की सिटी पुलिस से इतनी बरबर्ता से पिटाई की शायद ऐसा सलूक किसी बडे अपराधी के साथ भी नहीं किया जाता होगा। पीडित इरशाद ने अपना मेडिकल कराकर इलाके के प्रमुख लोगों के साथ मिलकर नूंह के चौकी प्रभारी सहित कई पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर नूंह के हेडक्वाटर डीएसपी को शिकायत दी है। वहीं डीएसपी ने मामले की जांच नूंह की अपराध शाखा को सौंपकर दो दिन में रिपोर्ट तलब की है।
नूंह जिला के गांव भादस निवासी मोहम्मद इरसाद पुत्र मोहम्मद हनीफ ने बताया कि गत 2 अक्तुबर को दिन के लगभग 11 बजे वह नूंह के सद्दीक नगर में रह रही अपनी बहन मनीसा पत्नी आस मोहम्मद के पास मिलने गया था। अचानक एसआई सतबीर पुलिस कर्मी रोहताश, जय भगवान व दो अन्य शहर चोकी नूहं से एक जीप में भर कर आऐ। उनहोने आवदेखा ने ताव और ना ही कोई पूछताछ की और उसे जीप मैं डाल कर शहर पुलिस चौकी नूंह ले गए। जहां चौकी प्रभारी बच्चू सिंह ने उपरोक्त पुलिस कर्मियों से पूछा की ये कोन है तो पुलिस कर्मियों ने कहा की ये उस जुनेद का मामा है जो लडकी को भगाकर ले गया है। बच्चू सिंह चोकी इंचार्ज ने कहा कि इसको अंदर ले जाओ और अच्छे से छित्तर लगाकर अच्छी धुलाई कर दो।
पीडित ने बताया कि एसआई सतबीर, जय भगवान, रोहतास और 2 अन्य पुलिस कर्मी उसने अंदर ले गए जहां उसे बेल्ट व लकड़ी में बधे पट्टे से जमीन पर पटक कर मारा और सतबीर मेरी गर्दन व चेहरे पर जूते समेत चढ गया जबकि रोहतास मेरे पेरों पर जूतों समेत चढ़ गया, एक ने मेरे हाथ पकड़ लिए और जय भगवान, रोहतास व अन्य ने उसे बारी बारी निर्दीय तरीके से काफी देर तक मारते रहे।
मोहम्मद इरशाद का कहना है कि जब पुलिस कर्मी उसे मार रहे थे तो उसने बहुत मिन्नतें की और उनसे पूछा की जो मुझे पीटा जा रहा है मेरा कसूर किया है। लेकिन पुलिस वाले नहीं माने और मुझे मारते रहे। खूब मारपीट कर मेरे हाथो में हथकड़ी लगा कर मुझे चारपाई से बांध दिया।
शाम को लगभग चार बजे मेरी फुफी का लड़का वसीम और मेरा भाई इमरान, मेरा बहनोई मकसूद शिकरावा शहर चोकी नूंह पहुचे और बातचीत करके उसे अपनी जमानत पर लगभग शाम के सात बजे ले आये।
पीडित इरशाद का कहना है कि उसे पुलिस कर्मियों ने बिना कसूर के मारा पीटा है, मेरी बेइज्जती की है, गाली गलोच और कट्ल्ला वगैराह कहकर मुझे खूब जलील किया है और नाजायज हथकड़ी लगाकर लगभग 7 घंटे जानवरों की तरह चारपाई से बांध कर रखा है ऐसे आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इरशाद का कहना है कि वह सामाजिक संस्था का अध्यक्ष है और गांव भादस का मौजूदा नम्बरदार है।
वहीं समाजसेवी रमजान चौधरी, आरिफ टाईं और साकिर सालाहेडी का कहना है कि पुलिस ने बिना कोई जुर्म जाने एक बेकसूर की इस तरह पिटाई की है शायद इतनी बेरहमी से किसी बदमाशा की भी पिटाई नहीं की जा सकती है।
वहीं डीएसपी अमित दहिया का कहना है कि आज कुछ लोग पीडित आदमी को लेकर उससे मिले हैं। मामले की जांच उनहोने अपराध शाखा नूंह पुलिस को सौंप दी है। दो दिन में रिपोर्ट मांगी है। जांच में जो भी दौषी होगा उसे बख्शा नहीं जाऐगा।