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” तो पढ़ लें , नहीं तो भैंसा बुग्गी में जंगल से पशुओं को भूस लाना पडेगा “
: देश लेवल पर 827 रैंक हासिल किया
: घर और गांव में खुशी की लहर, बंधाई देने वालो का लगा तांता
: अधिक रेंक से खुश नहीं है तसलीम फिर देगा यूपीएससी की परीक्षा
: देश के टोप टेन में आना चहाता है तसलीम
यूनुस अलवी
मेवात: या तो पढले नहीं तो भैंसा बुग्गी में पशुओं को जंगल से भुस लाना पडेगा, पिता की ये बात तसलीम चुभ गई और उसने ठान ली की वह एक दिन मां-बाप को कुछ बनकर ही दिखाऐगा। कलास में सबसे कमजोर रहने के बावजूद तसलीम ने जब मेहनत करनी शुरू की तो आज वह देश की सबसे बडी परीक्षा यूपीएसपी में पहली ही बार परीक्षा देने पर पास हो गया। तसलीम के गांव और परिवार वालों को खुशी कर लहर है। लोगों का उन्हें बंधाई देने वालो का लगा तांता लगा हुआ है। सरकारी अध्यापक के बेटे ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर मेवात का नाम रौशन किया है। तसलीम ने देश लेवल पर 827 रेंक प्राप्त की है। पर वह इस रेंक से खुश नहीं है और दुबारा से यूपीएससी की परीक्षा देने में जुट गया है। वह देश में टॉप टेन रैंक में शामिल होना चहाता है।
मेवात जिला के गांव फलैंडी निवासी एवं सरकारी अध्यापक जाकिर हुसैन के बेटे तसलीमने हमारे संवाददाता से बातचीत करते हुऐ कहा कि उसे इस बात से खुशी है कि उसने पहले ही दौर में यूपीएससी की परीक्षा पास कर मां-बाप और चाचा की उम्मीदों पर खरा उतर सका। तसलीम का कहना है कि उसके तीन भाई जूनियर इंजिनियर हैं। वह हमेशा पढाई में कमजोर रहता था। उसने आठवीं कक्षा गांव फलैंडी के मिडिल स्कूल से पास की है। दसवीं बंचारी होडल स्थित केसीएम पब्लिक स्कूल से, बारहवीं डीएवी स्कूल फरीदाबाद से और बीटेक लवली प्रोफैशनल यूनिवर्सिटी पंजाब से वर्ष 2015 में की है। तसलीम का कहना है कि पढाई में कमजोर होने कि वजह से पिता जाकिर हुसैन उससे कहा करते थे या तो पढले नहीं तो भैंसा बुग्गी में पशुओं के लिये जंगल से भुस लाना पडेगा, पिता की ये बात उसे चुभ गई और उसने ठान ली की वह एक दिन मां-बाप को कुछ बनकर ही दिखाऐगा। तसलीम का कहना है कि आईएस बनने के लिये पिता जाकिर हुसैन, माता बशीरी बेगम और चाचा इद्रीश ने ज्यादा प्रेरित किया था। तसीलम का कहना है कि बीटेक के बाद उसे यूपीएससी की तैयारी के लिये केवल 8 महिने की मिले थे। वह करीब 15 घंटे कुर्सी पर बेठकर पढाई करता था। तसीलम का कहना है कि भले ही उसने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली है लेकिन वह रैंक से खुश है। वह और मेहनत करेगा तथा देश के टोप टेन में शामिल होगा। फिर से वह 18 जून से यूपीएससी के ऐगजाम देने की तैयारी में जुट गया है। तसलीम ने मेवात के युवाओं को संदेश देते हुऐ कहा कि होंसला और लगन के साथ पढाई करेगें तो कामयाबी कदमों को चूमेंगी। वहीं उनके साथ से साक्षातकार में रहे गये मेवात के अन्य तीन साथियो को संदेश दिया कि वे मायूस ना हों और फिर से तैयारी शुरू कर दें।
तसलीम के पिता अध्यापक जाकिर हुसैन ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उसके चार बेटे और दो बेटियां हैं जिनमें से 3 कनिष्ठ अभियंता के पद पर कार्यरत हैं जबकी उसने प्रशासनिक अधिकारी बनाने के लिए तस्लीम से यूपीएससी की तैयारी करने के लिए कहा था। जिससे वह देश और समाज की सेवा कर सके। आज तस्लीम ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर उसका नाम ही नहीं मेवात इलाके का रोशन किया है। तसीलम उसका ही नहीं बल्कि पूरे मेवात का बेटा है।
मांं बशीरी बेगम का कहना है कि आज बेटे की कामयाबी से वह काफी खुश हैं उसने कभी नहीं सोचा था कि उसका बेटा इतना बडा अफसर बन सकेगा। वही तस्लीम के चाचा इदरीश भी उनकी कामयाबी से खुश नजर आए। इदरीश का कहना है कि जब वह किसी आईएएस और आईपीएस के दफ्तर में जाते थे तो उनकी तमन्ना होती थी काश उनके घर या मेवात से भी कोई बेटा आईएएस और आईपीएस होता तो कैसा होता। आज उसके भतीजे ने उसकी तमन्ना पूरी की है। वही गांव के पूर्व सरपंच शहीद खान ने खुशी जताते हुए तस्लीम को मुबारकबाद दी और उन्होंने कहा कि यह अकेले तसलीम और उनके परिवार की खुशी नहीं है बल्कि यह पूरे मेवात को एक कामयाबी मिली है। उन्होंने मेवात के लड़कों से उच्च शिक्षा हासिल करने का आह्वान किया है