फर्जी कॉल से होने वाली साइबर धोखाधड़ी से बचाने के लिए डीओटी का इनकमिंग स्पूफड कॉल्स प्रिवेंशन सिस्टम लांच

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नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग (डीओटी)  ने 22 अक्टूबर को  अंतर्राष्ट्रीय इनकमिंग स्पूफ्ड कॉल्स प्रिवेंशन सिस्टम ‘ लॉन्च किया। यह प्रणाली उन कॉल्स की पहचान करता है जो भारत के भीतर से आती हुई प्रतीत होती हैं, लेकिन कॉलिंग लाइन आइडेंटिटी (सीएलआई) में हेराफेरी करके विदेश से साइबर अपराधियों द्वारा की जाती हैं। इन स्पूफ्ड कॉल्स का इस्तेमाल साइबर अपराधों में किया गया है जैसे कि डीओटी /ट्राई अधिकारी बनकर धोखेबाजों द्वारा मोबाइल नंबर डिस्कनेक्ट करने की धमकी देना, फर्जी डिजिटल गिरफ्तारियां, कूरियर में ड्रग्स/मादक पदार्थ, पुलिस अधिकारी बनकर नकल करना, सेक्स रैकेट में गिरफ़्तारी आदि।

इस प्रणाली के संचालन के 24 घंटों के भीतर, टेम्पर्ड भारतीय फोन नंबरों से आने वाली सभी अंतर्राष्ट्रीय कॉलों में से लगभग 1.35 करोड़ या 90 प्रतिशत को स्पूफ कॉल के रूप में पहचाना गया और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) द्वारा भारतीय दूरसंचार ग्राहकों तक पहुंचने से रोक दिया गया। दिसंबर 2024 की नवीनतम रिपोर्टों में, भारतीय नंबरों से पहचानी गई और ब्लॉक की गई स्पूफ कॉलों की संख्या घटकर अब लगभग 6 लाख रह गई है,  यह दर्शाता है कि इस प्रणाली ने साइबर अपराधों के क्षेत्र में सफलतापूर्वक निपटने में कार्य किया है जो विदेश से की जा रही कॉल के माध्यम से संचालित किए जा रहे थे, लेकिन सीएलआई को भारतीय नंबर जैसा दिखने के लिए टेम्पर्ड किया गया था।

हालांकि, धोखेबाजों ने अब अपनी रणनीति बदल दी है और अपने भ्रामक व्यवहारों के लिए अंतर्राष्ट्रीय नंबरों का उपयोग कर रहे हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि धोखेबाज अंतरराष्ट्रीय नंबरों से कॉल कर सरकारी अधिकारियों का रूप धारण कर रहे हैं, जो +91 से शुरू नहीं होते हैं, बल्कि +8, +85, +65 आदि जैसे नंबरों से शुरू होते हैं। डीओटी ने विभिन्न हितधारकों से मिलकर एक समर्पित टास्क फोर्स का गठन किया है जो इस तरह की स्पूफ कॉल से निपटने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। टास्क फोर्स की सिफारिशों में से एक यह थी कि जब भी देश के बाहर से कोई कॉल आती है, तो टीएसपी को ग्राहकों को “अंतर्राष्ट्रीय कॉल” प्रदर्शित करना चाहिए। इससे उपयोगकर्ताओं को यह समझने में मदद मिलेगी कि इस तरह की कॉल भारतीय प्राधिकरणों या ट्राई, पुलिस, आयकर आदि जैसे संगठनों से नहीं हो सकती हैं।

टीएसपी में से एक (एयरटेल) ने तकनीकी समाधान लागू कर दिया है और देश के बाहर से आने वाली सभी कॉल के लिए “अंतर्राष्ट्रीय कॉल” प्रदर्शित करना शुरू कर दिया है। अन्य टीएसपी इसे लागू करने के लिए तकनीकी व्यवहार्यता  तलाश  रहे हैं।


दूरसंचार विभाग नेनागरिकों को सलाह दी हैकि उन्हेंऐसे अपरिचित अंतरराष्ट्रीय नंबरों से आने वाली कॉल का उत्तर देने में सावधानी बरतनी चाहिएजो +91 से शुरू नहीं होते हैं और जो भारत के सरकारी अधिकारियों से होने का दावा करते हैं। नागरिकों को सलाह दी जाती है किवे संचार साथी (www.sancharsaasthi,gov.in ) परचक्षु सुविधा पर ऐसे संदिग्ध धोखाधड़ी संचार की रिपोर्ट करें ।

जो लोग पहले ही धोखेबाजों के चक्‍कर में धनराशि गवां चुके हैं या साइबर अपराध के शिकार हुए हैं, उन्हें घटना की तुरंत साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 या वेबसाइट https://www.cybercrime.gov.in  पर रिपोर्ट करनी चाहिए।

दूरसंचार विभाग साइबर धोखाधड़ी और साइबर अपराधों में दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए अपनी क्षमता को मजबूत करने की दिशा में सक्रिय कदम उठा रहा है। विभाग का निरंतर ध्यान उभरते साइबर खतरों से निपटने, दूरसंचार सेवाओं को सुरक्षित करने और नागरिकों को सुरक्षित और विश्वसनीय संचार नेटवर्क प्रदान करने पर रहा है।

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