नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है, जिसमें बताया गया है कि 18 दिसंबर को तमिलनाडु उत्पादन एवं वितरण निगम (टैंगेडको) के साथ अनुबंध पर मजदूर के रूप में काम करने वाले दो व्यक्तियों की तमिलनाडु के त्रिची के केके नगर में ओलैयूर रिंग रोड के पास एक हाई टेंशन ओवरहेड विद्युत लाइन की मरम्मत करते समय बिजली का झटका लगने से मृत्यु हो गई।
आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्ट की जानकारी यदि सत्य है, तो यह बिजली विभाग की ओर से की गई घोर लापरवाही को दर्शाती है जिसके परिणामस्वरूप दो मजदूरों की मृत्यु हो गई। आयोग ने यह भी कहा है कि राज्य में पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। यह मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है और आयोग के लिए चिंता का विषय है।
तदनुसार, आयोग ने तमिलनाडु के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के अंदर इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आशा व्यक्त की गई है कि रिपोर्ट में इस घटना के संबंध में दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) की स्थिति और दोनों पीड़ितों के परिजनों को दिए गए मुआवजे (यदि कोई हो) के बारे में विवरण को शामिल किया जाएगा। आयोग ने यह भी जानकारी मांगी है कि राज्य सरकार और तमिलनाडु उत्पादन एवं वितरण निगम (टैंगेडको) ने वे कौन-से कदम उठाए/प्रस्तावित किए हैं ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रारंभिक जांच के अनुसार, मरम्मत कार्य के दौरान केबल की विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से बंद नहीं की गई थी। कर्मचारी सुरक्षात्मक उपकरणों के बिना ही काम कर रहे थे। पिछले साल तमिलनाडु के थूथुकुडी जिले में इसी तरह की एक घटना में ट्रांसफार्मर की मरम्मत करते समय एक कर्मचारी की करंट लगने से मृत्यु हो गई थी। पिछले महीने, चक्रवात फेंगल के दौरान एक प्रवासी कर्मी की भी कथित तौर पर करंट लगने से मौत हो गई थी और उसका शव मुथियालपेट में एक एटीएम के पास मिला था।