नई दिल्ली : केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह कल 21वीं पशुधन गणना अभियान की महत्वपूर्ण पहल का शुभारंभ करेंगे। कार्यक्रम का आयोजन 25 अक्टूबर को होटल लीला एम्बिएंस कन्वेंशन, शाहदरा, नई दिल्ली में होगा।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल और जॉर्ज कुरियन भी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में जी-20 शेरपा श्री अमिताभ कांत, नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य प्रो. डॉ. वीके पॉल, पशुपालन और डेयरी विभाग की सचिव अलका उपाध्याय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव सहित कई विशिष्ट अतिथि सम्मिलित होंगे।
21वीं पशुधन गणना कार्य प्रणाली
पशुधन जनगणना (एलसी) एक महत्वपूर्ण अभ्यास है,जिसका वर्ष 1919 से हर पांच वर्ष में आयोजन किया जाता है। यह नीति निर्माण और पशुपालन क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए अहम भूमिका के रूप में कार्य करता है। जनगणना में एक व्यापक डोर-टू-डोर सर्वेक्षण सम्मिलित है,जिसमें देश भर में पालतू जानवरों और पक्षियों पर विस्तृत आंकड़े एकत्र किए जाते हैं। अब तक 20 पशुधन जनगणनाओं का आयोजन हो चुका है और अंतिम जनगणना का आयोजन वर्ष 2019 में हुआ था।
अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 के दौरान आयोजित की जाने वाली 21वीं पशुधन गणना का कार्य राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के पशुपालन और डेयरी विभाग के सहयोग से किया जाएगा। अखिल भारतीय स्तर पर लगभग 1 लाख क्षेत्रीय अधिकारी, जिनमें से अधिकांश पशु चिकित्सक या अर्ध-पशु चिकित्सक हैं, गणना प्रक्रिया में शामिल होंगे। यह एलसी डेटा संग्रह और प्रसारण के लिए मोबाइल तकनीक का प्रयोग करेगा। इस प्रगति से देश के सभी गांवों और शहरी वार्डों में आंकड़े संग्रह की सटीकता और दक्षता में वृद्धि होने की उम्मीद है।
इस गणना में पशुधन की 15 प्रजातियों जैसे मवेशी, भैंस, गौवंशीय पशु मिथुन, याक, भेड़, बकरी, सुअर, ऊंट, घोड़ा, टट्टू, खच्चर, गधा, कुत्ता, खरगोश और हाथी के आंकड़े शामिल हैं। पशुधन के अलावा, पोल्ट्री पक्षियों जैसे मुर्गी, बत्तख, टर्की, गीज़, बटेर, गिनी मुर्गी, शुतुरमुर्ग और एमु की गणना भी प्रत्येक घर/घरेलू उद्यम/गैर-घरेलू/संस्थाओं से की जाएगी । यह एलसी आईसीएआर-राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीएजीआर) द्वारा मान्यता प्राप्त 16 प्रजातियों की 219 स्वदेशी नस्लों पर आंकड़े एकत्र करेगी। विशेष रूप से, यह देश की पहली पशुधन जनगणना होगी जिसमें पशुपालकों द्वारा पशुधन रखने के आंकड़े स्वतंत्र रूप से उपलब्ध होंगे
पशुपालन एवं डेयरी विभाग 21वीं पशुधन गणना अभियान के शुभारंभ के अवसर पर सभी हितधारकों को इसमें भाग लेने के लिए आमंत्रित करता है, जो राष्ट्र के पशुधन क्षेत्र के हित के लिए बेहद अहम है।