नई दिल्ली : भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को शहीद इहादादेन अब्देलहाफिद विश्वविद्यालय, अल्जीरिया के वैज्ञानिक एवं तकनीकी केंद्र ने आज (15 अक्टूबर, 2024) सिदी अब्दुल्ला में आयोजित एक समारोह में मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को भारत में सभी सामाजिक समूहों के लिए विज्ञान और ज्ञान की बात को आगे बढ़ाने के लिए राजनीति विज्ञान में मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि यह उनके लिए व्यक्तिगत रूप में नहीं, बल्कि भारत के लिए सम्मान की बात है। उन्होंने इस सम्मान के लिए वैज्ञानिक एवं तकनीकी केंद्र को धन्यवाद दिया।
राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा, न केवल व्यक्तिगत सशक्तिकरण का, बल्कि राष्ट्रीय विकास का भी साधन है। छात्रों को प्रबुद्ध नागरिक के रूप में विकसित करने और भारत को ‘ज्ञान अर्थव्यवस्था’ की ओर ले जाने के उद्देश्य से भारत सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में कई सुधार किए हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का लक्ष्य सभी स्तरों पर शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाना है। यह नीति विदेशी शिक्षण संस्थानों के साथ सहयोग के रास्ते भी खोलती है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत, पश्चिमी संस्थानों की तुलना में बहुत कम लागत पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करता है और अफ्रीकी छात्रों को कई छात्रवृत्तियां और फेलोशिप भी प्रदान करता है। उन्होंने शिक्षण संस्थानों, सरकारी विभागों और अल्जीरिया के युवाओं को भारत सरकार की विभिन्न पहलों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत-अल्जीरिया संबंध अपनी क्षमता तक पहुँचने से बहुत दूर हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत और अल्जीरिया के युवा इसे हासिल करेंगे और वे अंततः हमारे लोगों के मजबूत आपसी संबंधों को और बढ़ाने के लिए सेतु बनेंगे।
राष्ट्रपति कल मॉरिटानिया के लिए रवाना होंगी।