गुरुग्राम । मिथिला सेवा समिति राजेंद्र पार्क गुरुग्राम की ओर से आयोजित होने वाले 10 दिवसीय दुर्गा पूजा महोत्सव की तैयारी अंतिम चरण में है। जारा आवास के नजदीक धनवापुर रोड स्थित टेकचंद नगर मोड के पास दुर्गा पूजा का भव्य आयोजन इस बार 3 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक किया जाएगा। इसके लिए समिति के सभी सदस्यों की मौजूदगी में पूजा स्थल की साफ सफाई और टेंट लगवाने की व्यवस्था आज यानी रविवार को शुरू कर दी गई। इस अवसर पर आयोजित बैठक में गहन विचार विमर्श किया गया और मां भगवती की 10 दिनों तक चलने वाली महा पूजा की व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए समिति के सभी सदस्यों को अलग-अलग जिम्मेदारियां भी आवंटित की गई। समिति की ओर से गुरुग्राम के निवासियों को इस आयोजन में बड़ी संख्या में शामिल होने का आमंत्रण दिया गया।
मिथिला सेवा समिति के वरिष्ठ सदस्य राजेश ठाकुर ने बताया कि समिति की ओर से आयोजित होने वाली शारदीय नवरात्र दुर्गा पूजा का यह 12वां वर्ष है । इसमें गुरुग्राम शहर में रहने वाले सभी इलाके के मिथिलांचल और पूर्वांचल के श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। 12 वर्ष पूर्व इस धार्मिक आयोजन की शुरुआत राजेंद्र पार्क, टेकचंद नगर, सूरत नगर, विष्णु गार्डन, महालक्ष्मी गार्डन, आनंद गार्डन और लक्ष्मण विहार , बसई, द्वारिका एक्सप्रेस वे के इलाके और अन्य आवासीय क्षेत्रों सहित दर्जनों कॉलोनियों में रहने वाले मिथिलांचल और पूर्वांचल वासियों ने की थी। यह आयोजन सभी श्रद्धालुओं और समिति के सदस्यों के सहयोग से निरंतर जारी है।
समिति के आचार्य पंडित नंदलाल मिश्र ने बताया कि इस बार दुर्गा पूजा 3 अक्टूबर से 12 अक्टूबर 2024 तक आयोजित होगी। इसमें 3 अक्टूबर को मां भगवती की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। साथ ही मां के प्रथम स्वरूप का पूजन वैदिक विधि विधान से कलश स्थापना के साथ किया जाएगा। इसके बाद अलग-अलग तिथियों में प्रत्येक दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों का विधि सम्मत पूजन किया जाएगा। इस दौरान 10 दिनों तक मां भगवती की आराधना के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ भी निरंतर चलता रहेगा और प्रतिदिन भगवती के स्वरूप को ध्यान में रखते हुए प्रतिवर्ष की भांति सुबह की पूजा के बाद कन्या भोजन भी कराया जाएगा। षष्ठी तिथि को बेलनौति पूजा, जबकि सप्तमी तिथि को मां भगवती के 1008 रूपों की आराधना के लिए पूरी रात महानिशा पूजा का आयोजन किया जाएगा। नवमी तिथि को हवन पूजन का आयोजन किया जाएगा जबकि दशमी तिथि को माता भगवती कि इस महा पूजा का विसर्जन किया जाएगा। इस दिन ही भंडारे का भव्य आयोजन किया जाएगा जिसमें हजारों श्रद्धालु पिछले वर्षों की भांति ही महाप्रसाद ग्रहण करेंगे। उन्होंने बताया कि 10 दिनों तक प्रत्येक दिन सायं 6:30 बजे महा आरती का आयोजन किया जाएगा जिसमें इलाके के श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल होते हैं।
आज की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए समिति के वरिष्ठ सदस्य संजीव ठाकुर ने बताया कि 10 अक्टूबर और 11 अक्टूबर को सायं 5:00 बजे से जगत जननी माता दुर्गा की आराधना के लिए भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। इसमें युवा कलाकार दिलीप झा और भक्ति संगीत के प्रसिद्ध भजन गायक उदय चंद्र की ओर से मैथिली, हिंदी और भोजपुरी भाषा में मनमोहन प्रस्तुतियां सुनने को मिलेगी। इस अवसर पर दिल्ली यूनिवर्सिटी में कार्यरत दिल्ली एनसीआर के प्रसिद्ध तबला कलाकार अभय झा और तबला की दुनिया में उभरता युवा कलाकार शिवांग झा का भी बेहतरीन प्रदर्शन देखने और सुनने को मिलेगा।
समिति के वरिष्ठ सदस्य अशोक मिश्रा ने बताया कि दूर्गा पूजा महोत्सव में मिथिलांचल और पूर्वांचल के निवासियों का भरपूर सहयोग मिलता है। इस आध्यात्मिक महायज्ञ में आसपास के इलाके में रहने वाले सभी श्रद्धालुओं की ओर से आर्थिक योगदान किया जाता है जिससे 10 दिवसीय दुर्गा पूजा का सफल आयोजन संभव होता है।
बैठक में मौजूद मिथिला सेवा समिति के प्रमुख सदस्य अभिनव मिश्रा ने बताया कि 10 दिनों की पूजा के लिए पिछले तीन माह से ही मिथिला सेवा समिति के सभी सदस्य तैयारी में सक्रिय रूप से जुट जाते हैं। प्रत्येक सप्ताह बैठक आयोजित की जाती है जिसमें व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सदस्यों के सुझाव पर गहन विचार विमर्श करते हुए प्रतिवर्ष पूजा मैनेजमेंट में सुधार के लिए कदम उठाए जाते हैं। उन्होंने बल देते हुए कहा कि हमारी समिति इस बात का पूरा खयाल रखती है कि यह आयोजन पूरी तरह प्रशासनिक नियमों के अनुरूप किया जाए और किसी भी प्रकार का दिखावा ना हो। हमारी समिति का एकमात्र लक्ष्य सभी सदस्यों , श्रद्धालुओं एवं देश व प्रदेश के सुख व समृद्धि के लिए मां भगवती की आराधना करने का रहता है। हमारे सभी सदस्य बेहद अनुशासित रहकर विनम्रता के साथ इस आयोजन को सफल बनाने का प्रयास करते हैं।
समिति के सक्रिय सदस्य विनोद शाह ने बताया कि दुर्गा पूजा में बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु भी मां भगवती की पूजा आराधना और दर्शन के लिए पहुंचती हैं। उन्होंने कहा कि हमारी समिति की हर संभव कोशिश रहती है कि विशेष कर षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि के साथ-साथ दशमी तिथि को होने वाले विसर्जन और भंडारे में महिला श्रद्धालुओं एवं बच्चों को प्राथमिकता दी जाए। समिति के स्वयंसेवक पुलिस व प्रशासन के निर्देशानुसार सुरक्षा व्यवस्था में मुस्तैद रहते हैं। यहाँ अष्टमी तिथि को मां को खोयछ देने वाली महिलाओं की भीड़ बहुत ज्यादा रहती है।
मिथिला सेवा समिति के वरिष्ठ सदस्य सुरेंद्र यादव भी आज बैठक में शामिल हुए और उन्होंने अपने महत्वपूर्ण सुझाव दुर्गा पूजा व्यवस्था को मुकम्मल बनाने के लिए दिया। उन्होंने कहा कि हमारी समिति पिछले वर्ष की पूजा व्यवस्था की समीक्षा करते हुए पूर्व की कमियों को दूर करने की कोशिश करती है जिससे हम उत्तरोत्तर अपनी पूजा व्यवस्था में सुधार कर पाते हैं। उन्होंने बताया कि पूजा के लिए निर्धारित स्थल की साफ सफाई का काम आज समिति के सभी सदस्यों के सक्रिय सहयोग से पूरा कर लिया गया और सोमवार 23 अक्टूबर से टेंट लगवाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
समिति में कोऑर्डिनेशन की जिम्मेदारी निभा रहे सदस्य अमरीश कुमार ने बताया कि आज की बैठक में आम सहमति से सदस्यों की रुचि के अनुसार पूर्व के वर्षों की भांति अलग-अलग कार्यों की जिम्मेदारियां भी सभी सदस्यों को आवंटित कर दी गई। उन्होंने बताया कि दुर्गा पूजा के आयोजन की अंतिम बैठक आगामी 29 अक्टूबर रविवार को आयोजित की जाएगी जिसमें अन्य सभी पहलुओं पर विचार विमर्श कर सदस्यों की सहमति से निर्णय को अंतिम रूप दिया जाएगा।
इस अवसर पर सुभाष चौधरी, गुरदयाल ठाकुर, संजय झा, चेतन चौधरी, नवीन झा , सरोज मिश्रा, आशीष कुमार, गिरिंदर तिवारी, मृत्युंजय ठाकुर, अंशु कुमार, विकास मिश्र, अनुज कुमार, रौशन झा, अमित कुमार, सुमित कुमार, रूपेश झा सहित दर्जनों सदस्य मौजूद थे जिन्होंने पूजा स्थल की सफाई में भरपूर योगदान दिया और बैठक में शामिल हुए।