नई दिल्ली : केन्द्रीय रसायन एवं पेट्रोरसायन पर 13वीं द्विवार्षिक अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी एवं सम्मेलन इंडिया केम 2024 से पहले केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के सहयोग से कल अहमदाबाद में रसायन एवं उर्वरक उद्योग सम्मेलन का आयोजन किया।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। उन्होंने भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में रसायन उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए अनुप्रिया पटेल ने कहा कि केंद्र सरकार रसायन और पेट्रोकेमिकल क्षेत्र को प्राथमिकता वाला क्षेत्र मानती है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की बाधाओं और अनुपालन के भार को कम करने तथा निवेश के अनुकूल माहौल बनाने के लिए कई पहल की गई हैं।
श्रीमती पटेल ने इस क्षेत्र में गुजरात की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना करते हुए कहा, “गुजरात भारत के औद्योगिक परिदृश्य में सबसे आगे है, विशेष रूप से रसायन और पेट्रोरसायन के क्षेत्र में, जहां भारत के पेट्रोरसायन उत्पादन में 62%, रसायन उत्पादन में 53% तथा फार्मा उत्पादन में 45% हिस्सेदारी है।”
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहे गुजरात के उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत ने भारत के औद्योगिक विकास को गति देने में गुजरात की रणनीतिक भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में राज्य की हिस्सेदारी 8.4 प्रतिशत और समग्र विनिर्माण उत्पादन में 18 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि भारत के कुल निर्यात में गुजरात 33 प्रतिशत का योगदान देता है।
इस उद्योग सम्मेलन में गुजरात को वैश्विक केंद्र के रूप में बढ़ावा देने, नए निवेश आकर्षित करने और टिकाऊ प्रथाओं के साथ तालमेल बिठाने वाले नवाचारों को प्रदर्शित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। यह सम्मेलन उद्योग जगत की हस्तियों, नीति निर्माताओं और अन्य प्रमुख हितधारकों के लिए इस क्षेत्र के भविष्य पर चर्चा करने और सहयोग करने के अवसरों का पता लगाने के लिए एक मंच के रूप में भी काम आया।
इस उद्योग सम्मेलन में भारत सरकार के रसायन और पेट्रोरसायन विभाग की सचिव निवेदिता शुक्ला वर्मा सहित प्रमुख गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे। श्रीमती निवेदिता शुक्ला वर्मा ने कहा कि गुजरात पीसीपीआईआर एक आदर्श है। उन्होंने प्रतिभागियों को बताया कि सरकार देश में रसायनों के सस्ते या खराब गुणवत्ता वाले आयात को प्रतिबंधित करने के उद्देश्य से घरेलू उद्योग को अनुचित व्यापार प्रथाओं से बचाने के लिए शुल्क युक्तिकरण और गैर-टैरिफ उपायों को लागू करने जैसे विभिन्न कदम उठा रही है।
20 अगस्त को अहमदाबाद में आयोजित यह उद्योग सम्मेलन, मुंबई में 17 से 19 अक्टूबर तक चलने वाले इंडिया केम 2024 की दिशा में माहौल बनाने के उद्देश्य से आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला का एक हिस्सा था। मुख्य कार्यक्रम में वैश्विक रसायन और पेट्रोरसायन क्षेत्रों में नवीनतम तकनीकों और नवाचारों का प्रदर्शन किया जाएगा। यह कार्यक्रम नीतिगत मुद्दों, नियामक ढांचे और टिकाऊ प्रथाओं पर चर्चा करने के लिए एक मंच भी प्रदान करेगा जो रसायन एवं पेट्रोरसायन उद्योग के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।
भारत सरकार के रसायन और पेट्रोरसायन विभाग के संयुक्त सचिव दीपांकर एरन, गुजरात सरकार की उद्योग और खान विभाग की प्रमुख सचिव ममता वर्मा, फिक्की की राष्ट्रीय रसायन समिति के अध्यक्ष दीपक सी. मेहता और फिक्की गुजरात राज्य परिषद के अध्यक्ष राजीव गांधी इस सम्मेलन में उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों में शामिल थे।