भारत के प्राइवेट सेक्टर को भी ‘विकसित भारत’ बनाने का सशक्त माध्यम मानता हूं : नरेंद्र मोदी

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नई दिल्ली : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बजट के बाद सीआईआई सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा . उन्होंने कहा कि भारत आज पांचवीं सबसे बड़ी आर्थिक ताकत है. वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमिक पावर बन जाएगा.

पीएम मोदी ने उद्यमियों को संबोधित करते करते हुए कहा कि आज जब सारे देश low Growth और High Inflation से जूझ रहे हैं, तो ऐसी परिस्थिति में High growth और low inflation वाला भारत इकलौता देश है। भारत ने ये growth तब हासिल करके दिखाई है, जब पिछले 10 साल में अ​र्थव्यवस्था को झटका देने वाले अनेक संकट आए। हमने हर संकट का मुकाबला किया, हर चुनौती का समाधान किया। अगर ये संकट न आते तो आज भारत जहां पहुंचा है, उससे अधिक ऊंचाई पर होता।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि मैं इंडस्ट्री को, भारत के प्राइवेट सेक्टर को भी ‘विकसित भारत’ बनाने का सशक्त माध्यम मानता हूं। मैं आप जैसे साथियों को, वेल्थ क्रिएटर्स को भारत का प्रमुख ड्राइविंग फोर्स मानता हूं और मैं लाल किले से भी ये कहने में संकोच नहीं करता हूं।

उनका कहना था कि 2014 में, 1 करोड़ रुपये कमाने वाली MSMEs को presumptive tax देना होता है और अब 3 करोड़ लाभ वाली MSMEs भी इसका लाभ उठा सकती हैं। 2014 में, 50 करोड़ कमाने वाली MSMEs को 30 प्रतिशत tax देना होता था, आज ये रेट 22 प्रतिशत है। 2014 में, कंपनियां 30 प्रतिशत Corporate Tax देती थीं, आज 400 करोड़ रुपये तक की आय वाली कंपनियों के लिए ये रेट 25 प्रतिशत है।

उनके अनुसार Technology ही वर्तमान है, Technology ही भविष्य है। आज जो भी देश Semiconductor value chain में अपनी जगह बनाएगा, वो भविष्य में बड़ी भूमिका में रहेगा, इसलिए हम भारत में इस इंडस्ट्री को आगे बड़ा रहे हैं। इसी तरह हम Electronics manufacturing को भी encourage कर रहे हैं।

पीएम ने कहा कि पिछले दशक में भारत के विनिर्माण परिदृश्य में बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। हमने ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहल की है, विभिन्न क्षेत्रों में एफडीआई नीतियों को उदार बनाया है और मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क स्थापित किए हैं। इसके अतिरिक्त, हमने 14 प्रमुख क्षेत्रों के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाएं शुरू की हैं। इन रणनीतिक कदमों ने विनिर्माण क्षेत्र के आत्मविश्वास को अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ा दिया है, जिससे विकास और आत्मनिर्भरता का एक नया युग शुरू हुआ है।

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