वेक्टर जनित बीमारियों के नियंत्रण के लिए नगर निगम गुरुग्राम की 40 टीमें फोंगिग करने में जुटी

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  • नगर निगम की 40 से अधिक टीमें फॉगिंग करने के साथ-साथ वाटर हॉटस्पॉट क्षेत्रों में काले तेल व दवा का कर रही छिडक़ाव
  • लारवा निरीक्षण के लिए पार्षदों, आरडब्ल्यूए के सहयोग से घर-घर कर रही जांच

गुरुग्राम, 13 जुलाई। नगर निगम गुरुग्राम द्वारा वेक्टर जनित बीमारियों के नियंत्रण की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसके तहत निगम की 40 से अधिक टीमें क्षेत्र में फोगिंग करने के साथ ही वाटर हॉटस्पॉट क्षेत्रों में काले तेल व दवा का छिडक़ाव कर रही हैं। वहीं, लारवा की जांच के लिए पार्षदों, आरडब्ल्यूए के सहयोग से घर-घर निरीक्षण किया जा रहा है।इस बारे में जानकारी देते हुए नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त डा. नरहरि सिंह बांगड़ ने बताया कि वेक्टर जनित बीमारियों के नियंत्रण के लिए निगम के पास पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं। इनमें 42 हैंड माउंटिड फॉगिंग मशीनें, 10 व्हीकल माउंटिड फोङ्क्षगग मशीनें, लार्विसाइड स्प्रे के लिए 43 हैंड स्प्रे मशीन शामिल हैं। उन्होंने बताया कि वाटर हॉटस्पॉट क्षेत्रों में काला तेल डाला जा रहा है तथा द का छिडक़ाव लगातार जारी है। निगम टीमें हॉटस्पॉट क्षेत्रों का लगातार दौरा कर रही हैं तथा लोगों को जागरूक कर रही हैं। अप्रैल माह से अब तक टीमों द्वारा 12523 घरों का दौरा किया गया है तथा 88 नोटिस जारी किए गए हैं।

आओ मिलकर डेंगू व चिकनगुनिया रोकें  : निगमायुक्त ने कहा कि डेंगू व चिकनगुनिया फैलाने वाला एडीज मच्छर दिन में काटता है तथा रूके व साफ पानी में ही पनपता है। छोटी-छोटी युक्ति डेंगू व चिकनगुनिया से मुक्ति दिला सकती है। उन्होंने कहा कि अपने घरों के आसपास गड्डों को मिट्टी से भरवा दें, अपने कूलर, होदी या अन्य पानी से भरे हुए बर्तन सप्ताह में एक बार अवश्य खाली करें व कपड़े से अच्छी तरह से रगडक़र साफ करके ही प्रयोग करें। शरीर को ढक़कर रखें तथा मच्छर रोधी दवा या क्रीम व कीटनाशक दवाई से उपचारित मच्छरदानी का उपयोग करें और पूरी बाजू के कपड़े पहनें। छतों पर रखी पानी की टंकियों को ढ़क्कन लगाकर बंद रखें तथा अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों में घरों के अंदर कीटनाशक का छिडक़ाव करवाएं। बुखार आने पर डाक्टर की सलाह अवश्य लें। कोई भी दवा बिना डाक्टर की सलाह के ना खाएं तथा अपने घरों के आसपास पानी जमा ना होने दें। पुराना सामान जैसे टायर, ट्यूब, खाली डिब्बे, पॉलीथिन के लिफाफे खुले में ना फेंकें। यदि कूलर प्रयोग में नहीं लाया जा रहा है तो उसमें पानी एकत्रित ना होने दें। हैंडपंप व नल के आसपास पानी जमा ना होने दें।

मलेरिया उन्मूलन : मलेरिया संक्रमित माता एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है तथा यह जानलेवा हो सकता है। बुखार होने पर तुरंत डाक्टर को दिखाएं। मलेरिया को दूर रखने के लिए सब को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। इसके तहत प्रत्येक रविवार को अपने घर सूखा दिवस मनाएं अर्थात पानी के बर्तनों, कूलर, फूलदान, होदी आदि को खाली करें तथा सुखाकर ही पानी भरें। यदि कूलर उपयोग में नहीं है, तो उसे सुखाकर रखें। पानी की टंकियों आदि को पूरी तरह से ढक़कर रखें तथा छत पर पड़े मटके, टायर, बोतल तथा अन्य टूटे-फूटे बर्तनों को हटा दें, ताकि इनमें बरसात का पानी जमा ना हो। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें।

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