नई दिल्ली : दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने “क्वांटम मानकीकरण और परीक्षण प्रयोगशालाएँ” शीर्षक से प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं. साथ ही भारतीय शैक्षणिक संस्थानों या अनुसंधान एवं विकास संस्थानों से व्यक्तिगत या साझेदारी में प्रस्तुतियाँ आमंत्रित की हैं। इसका मुख्य उद्देश्य क्वांटम प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान और विकास में गति लाना है, जिससे क्वांटम संचार प्रणालियों की अंतर-संचालनीयता, विश्वसनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। ये प्रयोगशालाएँ नवाचार केंद्रों के रूप में कार्य करेंगी, जो क्वांटम प्रौद्योगिकी विकासक, परीक्षण उपकरण निर्माताओं और अकादमिक शोधकर्ताओं को एकजुट करेंगी, ताकि सभी नागरिकों के हित के लिए क्वांटम प्रौद्योगिकियों की पूरी क्षमता का पता लगाया जा सके और उसका उपयोग किया जा सके।
प्रतिदिन की दिनचर्या में क्वांटम प्रौद्योगिकियों के उपयोग द्वारा जीवन स्तर में सुधार
यह पहल प्रधानमंत्री के ‘जय अनुसंधान’ के विज़न के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य दूरसंचार उत्पादों और प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान और विकास का समर्थन करना है, यह भारतीय नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाती है। यह क्वांटम प्रौद्योगिकियों में भारत को आत्मनिर्भर बनाने और इस अत्याधुनिक क्षेत्र में वैश्विक मानक स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करती है। यह प्रयास न केवल सुरक्षित, विश्वसनीय और कुशल क्वांटम संचार प्रणालियों के विकास का समर्थन करता है, बल्कि इसका उद्देश्य सभी भारतीय नागरिकों को ऐसी विकसित प्रौद्योगिकी प्रदान करना है जो संचार, डेटा सुरक्षा और समग्र डिजिटल अनुभव में सुधारात्मक रूप से कार्य करे।
प्रस्तावित प्रयोगशालाओं के उद्देश्य:
1. क्वांटम मानकीकरण: वर्तमान और भविष्य के संचार नेटवर्क में क्वांटम संचार तत्वों जैसे क्वांटम कुंजी वितरण, क्वांटम स्टेट एनालाइजर, ऑप्टिकल फाइबर और घटकों के सहज एकीकरण के लिए आवश्यक मानक और प्रोटोकॉल स्थापना करना है।
2. परीक्षण सुविधाएँ: भारतीय उद्योग जगत के सदस्यों एवं स्टार्टअप, अनुसंधान एवं विकास और शैक्षणिक संस्थानों द्वारा स्थापित की गई क्वांटम अवधारणाओं, प्रक्रियाओं, उपकरणों और अनुप्रयोगों को प्रामाणिक करने के लिए बनाई गई विश्वसनीय परीक्षण सुविधाएँ विकसित करें। इसमें विभिन्न स्थितियों में इनके प्रदर्शन की पुष्टि करना और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के साथ उनके अनुपालन को प्रमाणित करना शामिल हैं। ये सुविधाएँ क्वांटम प्रौद्योगिकियों के विकास का समर्थन करेंगी जिनका उपयोग स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और वित्त सहित विभिन्न क्षेत्रों में नागरिकों द्वारा सुरक्षित और प्रभावी ढंग से किया जा सकता है।
इन प्रयोगशालाओं का उद्देश्य नाममात्र शुल्क पर उद्योग, स्टार्टअप और स्थानीय दूरसंचार हितधारकों के लिए आसान पहुँच स्थापित करना है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि विकसित क्वांटम प्रौद्योगिकियों से सभी लाभान्वित हों। यह पहल स्वदेशी क्वांटम प्रौद्योगिकी समाधानों के विकास का समर्थन करती है। यह वैश्विक मानकों में भारत को अग्रणी रूप में स्थापित करता है।
परीक्षण के लिए प्रस्तावित प्रौद्योगिकियाँ:
- एकल फोटॉन और उलझे हुए फोटॉन स्रोत।
- सुपरकंडक्टिंग नैनोवायर एस पी डी और हिमस्खलन फोटोडायोड सहित एकल फोटॉन डिटेक्टर।
- क्वांटम मेमोरी और रिपीटर्स।
- क्वांटम संचार मॉड्यूल जैसे कि क्यू के डी, क्वांटम टेलीपोर्टेशन और फ्री-स्पेस क्वांटम संचार।
- विश्वसनीय नोड्स और अविश्वसनीय नोड्स।
- क्वांटम संचार डोमेन से संबंधित कोई अन्य आइटम।
प्रस्ताव जमा करने की अंतिम तिथि 05 अगस्त 2024 है। प्रस्तुतीकरण दिशा-निर्देशों और आवश्यकताओं के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया दूरसंचार विभाग की वेबसाइट https://dot.gov.in पर जाएँ या https://ttdf.usof.gov.in पर टीटीडीएफ कार्यक्रम कार्यालय से संपर्क करें।