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मेवात के कस्बा पिनगवां के पिनगवां-ढाणा रोड पर पडा गंदगी का अंबार
यूनुस अलवी
मेवात: देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का सफाई अभियान मेवात में एक ढकौसला साबित हो रहा है। मेवात के गावों की गलियों, रास्तों और सडकों पर गोबर, कींचड, और गंदगी के अंबार लगे हुऐ हैं। गलियों और सडक के सहारे पडी गंदगी से उनके आस-पास रहने वाले लोगों का तो जीना मुहाल हो रहा है वहीं यहां से निकलने वाले राहगीर भी मूंह पर कपडा डालकर निकलने को मजबूर होते हैं। गंदे पानी की निकासी के नाले बंद पडे हैं। नरेंद्र मोदी द्वारा दो साल पहले 2 अक्तुबर से शुरू किऐ गऐ सफाई अभियान का रविवार को हमारी टीम ने मेवात के कस्बा पिनगवां, लाहाबास सहित कई गांवों में सफाई का जायजा लिया। गावों में फैली हुई गंदगी से तो यही प्रतीत हुआ की प्रधान मंत्री का सफाई अभियान एक ढकौसला साबित हो रहा है।
हमारी टीम ने पुन्हाना के पिनगवां-ढांणा रोड पर सडक के किनारे वर्षो से पडी गंदगी के बारे में उसके आस-पास रहने वाले लोगों से पूछा तो उनका दर्द साफ नजर आया। यहां मौजूद जब्बर, अबदुल्लाह और शरीफ मोहम्मद ने बताया कि गंदगी की वजह से कोई रिश्तेदार भी उनके घर पर नहीं आता है। कीचड युक्त गंदगी से निकलने वाली बदबू से वे सही तरीके से खाना तक नहीं खा सकते हैं। इसकी सफाई के लिए वे अधिकारियों और गांव के सरपंच के गुहार लगा चुके हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं हैं। गंदगी की वजह से मच्छर फैल रहे हैं जिस कारण मलेरिया और दूसरी बिमारी फैल रही हैं। लोगों का कहना है कि केवल दो अक्तुबर को खाना पूर्ति के लिए सफाई अभियान चलाया जाता है। बाद में कोई देखने तक नहीं आता है।
रिहाना ने बताया कि उसने अपना घर खर्च चलाने के लिए पिनगवां-ढाणा रोड पर करीब 6 साल पहले कर्जा लेकर दो दुकान बनाई थी की उनसे होने वाली आमदनी से घर का खर्चा चल जाऐगा लेकिन दुकानों के सामने पडी गंदगी की वजह से कोई उनकी दुकान को किराऐ पर लेने को तैयार नहीं हैं। उसके बराबर में एक दुकान थी उसे एक महिने बाद ही दुकानदार छोड कर चला गया। वहीं रहमानी का कहना है कि जब हवा चलती है तो बदबू ज्यादा बढ जाती है वे बदबू की वजह से सो भी नहीं पाते हैं। इस गंदगी में सूअर और आवारा पशु घूमते रहते हैं।
डाक्टर सोमनाथ वधवा का कहना है कि उनके क्लिनिक के पास गंदगी के अंबार हैं, जिसकी वजह से क्लिनिक पर आने वाले मरीज परेशान होते हैं। नानक चंद का कहना है कि उसकी बेटी की चार दिसंबर को शादी है, उसके घर के पास काफी समय से गंदगी पडी हुई है। कई बार सरपंच और अधिकारियों को कहा लेकिन कोई सुनने वाला नहीं हैं।
समाजसेवी तौफीक बीसरू, अखतर ऐडवोकेट का कहना है कि प्रधान मंत्री ने जो सफाई अभियान की शुरूआत की थी वह अच्छी पहल थी लेकिन अधिकारियों और सरपंचों ने इसे एक त्योंहार बना लिया है। वे केवल 2 अक्तुबर को ही गांव और मोहल्ले में सफाई अभियान चलाकर पूरे एक साल गायब हो जाते हैं।
क्या कहते हैं सरपंच ?
कस्बा पिनगवां के सरपंच संजय सिंगला का कहना है कि जिन लोगों ने अपनी प्लाट और जगह पर गंदगी फैला रखी है उनको नोटिस भेजे जाऐगें अगर उन्होने सफाई नहीं की तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होने कहा कि सार्वजनिक जगह पर पंचायत पूरी सफाई का ध्यान रखती है। कई लोग अपने घरों के आगे की कूडा डाल देते हैं जिससे सफाई अभियान का पलीता लगता है।