कृषि मंत्रालय ने ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन फ़ोकस प्रोडक्‍ट’ के लिए उत्पादों को अंतिम रूप दिया

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नई दिल्ली। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के परामर्श से ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन फोकस प्रोडक्ट’ (ओडीओएफपी) के लिए उत्पादों को अंतिम रूप दिया है। देशभर के 728 जिलों के लिए कृषि, बागवानी, पशु, पोल्‍ट्री, दूध, मत्स्य पालन और जलीय कृषि, समुद्री क्षेत्रों से उत्पादों की पहचान की गई है। उत्पादों की सूची को राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से जानकारी लेने के बाद अंतिम रूप दिया गया है।

इन उत्पादों को भारत सरकार की योजनाओं के समावेश के माध्‍यम से एक समूह  दृष्टिकोण से बढ़ावा दिया जाएगा ताकि किसानों की आय बढ़ाने के अंतिम उद्देश्‍य के साथ इन उत्‍पादों के मूल्‍य में वृद्धि की जा सके। इन पहचान किए गए उत्पादों को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की पीएम-एफएमई योजना के तहत सहायता प्रदान की जाएगी।  यह योजना प्रोमोटरों और सूक्ष्म उद्यमों को प्रोत्साहन प्रदान करती है। कई उत्पादों में अन्य विभागों के संसाधनों और पहुंच का समावेश शामिल है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय अपनी एमआईडीएच, एनएफएसएम, आरकेवीवाई, पीकेवीवाई जैसी मौजूदा केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं से ओडीओएफपी की मदद करेगा।

राज्य सरकारों द्वारा ओडीओएफपी के कार्यान्वयन से किसानों को लाभ होगा और मूल्य संवर्धन की उम्मीदों को साकार करने में सहायता मिलेगी और उसके बाद कृषि निर्यात में बढ़ोतरी होगी।

 विभिन्न जिलों के लिए उत्पाद इस प्रकार हैं :

(i) धान – 40 जिले

(ii) गेहूं – 5 जिले

(iii) मोटे एवं पोषक अनाज- 25 जिले

(iv) दलहन – 16 जिले

(v) व्यावसायिक फसलें – 22 जिले

(vi) तिलहन – 41 जिले

(vii) सब्जियाँ – 107 जिले

(viii) मसाले – 105 जिले

(ix) वृक्षारोपण – 28 जिले

(x) फल – 226 जिले

(xi) फूलों की खेती – 2 जिले

(xii) शहद – 9 जिले

(xi) पशुपालन/डेयरी उत्पाद – 40 जिले

(xi) जलीय कृषि/समुद्री मत्स्य पालन – 29 जिले

(xii) प्रसंस्कृत उत्पाद – 33 जिले

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