अंतरराष्ट्रीय रेत कला उत्सव के पहले दिन मधुरेन्द्र ने पर्यावरण बचाने का दिया संदेश, ओड़िसा के पर्यटन मंत्री पानिगिराहि ने की सराहना

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ओड़िसा के चंद्रभागा समुन्द्र तट पर हो रहा है आयोजन

मोतिहारी, पूर्वी चंपारण : कोणार्क फेस्टिवल अंतर्गत पर्यटन विभाग ओड़िसा सरकार द्वारा आयोजित 1 दिसंबर से शुरू हुए पांच दिवसीय अंतराष्ट्रीय रेतकला उत्सव में बिहार के चंपारण के लाल, मशहूर युवा रेत कलाकार मधुरेन्द्र ने उड़ीसा के कोणार्क स्थित चंद्रभागा बीच पर अपनी रेत कला का जौहर दिखाया। यहां पहले दिन उन्होंने रेत से पर्यवरण संरक्षण का संदेश दिया जिसे लोगों ने खूब सराहा।

इनकी कला को देख ओड़िसा सरकार के पर्यटन मंत्री पानिगिराहि भी अभिभूत हो गए। बता दे की उत्सव के पहले दिन ही सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने बालू की रेत पर आकृति उकेर कर दुनिया भर के लोगों से पर्यावरण को बचाने का अपील की। यह आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इसमें पर्यावरण के महत्व को दर्शाते हुए इसके संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया गया।

लोग कोविड-19 के नियमों को पालन करते हुए इस महोत्सव में बालू से बनी प्रतिमा को देखने के लिए आ रहे हैं। गौरतलब हो कि सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ऐसे ही कुछ अलग काम करके दुनिया में अपने नाम का डंका बजा रहे हैं। मौके पर उपस्थित पद्मश्री सुदर्शन पटनायक व विभागीय कई वरीय अधिकारियों तथा आम नागरिकों ने भी मधुरेंद्र की कलाकृति की सराहना की।

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