रेलवे के 11.58 लाख अराजपत्रित कर्मचारियों को 78 दिनों के वेतन के बराबर बोनस जारी

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नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए लगभग 11.58 लाख अराजपत्रित रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के वेतन के बराबर बोनस जारी करने का निर्णय लिया गया है। रेलवे कर्मचारियों को उत्पादकता से जुड़े बोनस के रूप में अनुमानत: 2081.68 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में रेल मंत्रालय के सभी पात्र अराजपत्रित रेलवे कर्मचारियों (आरपीएफ/आरपीएसएफ कर्मियों को छोड़कर) के लिए वित्तीय वर्ष 2019-2020 के लिए 78 दिनों के वेतन के बराबर उत्पादकता से जुड़े बोनस (पीएलबी) के भुगतान के प्रस्ताव को स्वीकार किया गया था।रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के पीएलबी के भुगतान के रूप में 2081.68 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। जिन पात्र अराजपत्रित रेलवे कर्मचारियों को पीएलबी का भुगतान किया जाना है उनके वेतन की सीमा प्रतिमाह 7,000रुपयेतय की गई। पात्र रेलवे कर्मचारी को देय अधिकतम राशि 78 दिनों के लिए 17,951रुपये है। लगभग 11.58 लाख अराजपत्रित रेलवे कर्मचारियों को फैसले से लाभ होने की संभावना है।

रेलवे की ओर से यह उत्पादकता से जुड़ा बोनस पूरे देश में फैले सभी अराजपत्रित रेलवे कर्मचारियों (आरपीएफ/आरपीएसएफ कर्मियों को छोड़कर) को दिया जाएगा। पात्र रेलवे कर्मचारियों को पीएलबी का भुगतान प्रत्येक वर्ष दशहरा/पूजा की छुट्टियों से पहले किया जाता है। मंत्रिमंडल के निर्णय को इस वर्ष की छुट्टियां शुरू होने से पहले ही लागू किया जाएगा। उम्‍मीद है कि इससे कर्मचारियों को रेलवे के प्रदर्शन में सुधार करने की प्रेरणा मिलेगी।वर्ष 2019-20 के लिए 78 दिनों के वेतन के बराबर पीएलबी का भुगतान किया जाएगा, जिससे रेलवे के प्रदर्शन में सुधार की दिशा में काम करने के लिए कर्मचारियों को प्रेरित करने की उम्मीद है।

यह ध्‍यान देने की बात है कि हालांकि यह भुगतान पिछले साल के प्रदर्शन यानी 2019-20 के लिए किया जा रहा है, लेकिन इस साल भी कोविडकी अवधि के दौरान, रेलवे कर्मचारियों ने श्रमिक स्‍पेशल गाडि़यां चलाने, आवश्यक वस्तुओं,जिसमें खाद्यान्न, उर्वरक, कोयला आदि शामिल हैं, को लाने-ले जाने के लिए और लॉकडाउन अवधि के दौरान 200 से अधिक महत्वपूर्ण रखरखाव परियोजनाओं को पूरा करने के लिएबहुत मेहनत की जो रेलवे परिचालन में सुरक्षा और सर्वांगीण दक्षता को बढ़ावा देगा।

माल भाड़े के मामले में भी कोविड लॉकडाउन काल के बाद प्रमुख सुधार हुआ है। पिछले साल की तुलना में माल ढुलाई की गति अब लगभग दोगुनी हो गई है। पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में अक्टूबर 2020 की इसी अवधि में माल लदान में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

उम्‍मीद है कि 2019-20 के लिए पीएलबी के भुगतान से रेलवे कर्मचारियों को रेलवे के प्रदर्शन को बेहतर बनाने की दिशा में प्रेरित किया जा सकेगा। उनके काम को मान्‍यता मिलने से रेलवे परिवारों में समावेश और अपनेपन की भावना बढ़ेगी। इससे उत्पादकता के स्तर में और वृद्धि होने की उम्मीद है।

यह उत्सव के समय में उपभोक्ता खर्च और मांग को बढ़ाने में मददगार होगा।

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