18 सितंबर को आयोजित होने जा रही है पहली ई-लोक अदालत

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गुरुग्राम 14 सिंतबर। हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण(हालसा) द्वारा कोविड-19 संक्रमण को ध्यान में रखते हुए पहली बार 18 सितंबर को ई-लोक अदालत लगाए जाने का निर्णय लिया गया है। इस लोक अदालत में डिजीटल प्लेटफाॅर्म के माध्यम से विभिन्न न्यायालयों में लंबित मामलों का निपटारा किया जाएगा। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा हालसा के अध्यक्ष न्यायमूर्ति राजीव शर्मा के मार्गदर्शन में ई-लोक अदालत लगाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है।


इस बारे में जानकारी देते हुए जिला एवं सत्र न्यायधीश तथा जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के अध्यक्ष एम एम धोंचक ने बताया कि ई-लोक अदालत का उद्देश्य उन सभी लोगों को आॅनलाइन मंच प्रदान करना है जिनके वैश्विक महामारी के दौरान विभिन्न न्यायालयों में मामले लंबित हैं ताकि उनका समय रहते निपटारा किया जा सके। उन्होंने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। ऐसे में जरूरी है कि लोगों को डिजीटल प्लैटफाॅर्म उपलब्ध करवाते हुए उनके मामलों का निपटारा किया जाए।


श्री धोंचक ने बताया कि ई-राष्ट्रीय लोक अदालत के संचालन के लिए 8 पीठों का गठन किया है जिनमें एडिश्नल सैशन जज भावना जैन,एडिश्नल सैशन जज विजय जेम्स, जेएमएफसी सुयशा जवा, जेएमएफसी हरजोत कौर, जेएमएफसी सोनिया श्योकंद, जेएमएफसी छवि गोयल (केवल एनआई अधिनियम के अंतर्गत मामले), जेएमएफसी ( केवल एनआई अधिनियम के अंतर्गत मामले) निमित कुमार, जेएमएफसी (केवल एनआई अधिनियम वाले मामले) सुश्री शताक्षी आदि शामिल है।


जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं न्यायायिक दंडाधिकारी प्रदीप चैधरी ने बताया कि चयनित 525 मामलों को अलग-अलग श्रेणी से लिया गया है और यह भी बताया कि सिस्टम अधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है जो ई-लोक अदालत संबंधी इंतजामों को सुनिश्चित करेंगे । वे यह भी सुनिश्चित करेंगे कि प्रत्येक न्यायालय में बेंच आईडी को ठीक से स्थापित किया जाए। पीठासीन अधिकारी को ई-लोक अदालत बेंच नामित किया गया है और वह दैनिक ई-लोक अदालत के लिए दैनिक लिंक का निर्माण सुनिश्चित करेगा। यह सुनिश्चित करना सिस्टम अधिकारियों का कर्तव्य होगा कि खंडपीठ द्वारा आवश्यक होने पर लिंक उपलब्ध हों।

पैनल अधिवक्ताओं को सूचित किया गया है कि वे ई-लोक अदालत के दौरान मौजूद रहें और समझौता तैयार करने में न्यायालयों और डीएलएसए की मदद करेंगे। बेंच के अनुपात में पैनल अधिवक्ताओं की प्रतिनियुक्ति की गई है। ऐसे सभी पक्ष जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश नहीं हो पा रहे हैं या जिनके पास कोई तकनीकी ज्ञान नहीं है या वे मौजूद नहीं हैं, उनके संबंधित काउंसल व बेंच नोडल अधिकारियों द्वारा सहायता की जाएगी।

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