शिपिंग मंत्रालय ने क्रूज जहाजों के लिए बंदरगाह टैरिफ दरों में 60 से 70 प्रतिशत तक कटौती की

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नई दिल्ली : शिपिंग मंत्रालय ने क्रूज जहाजों के लिए टैरिफ दरों को तर्कसंगत बनाया है। टैरिफ दरों में छूट के निवल प्रभाव से बंदरगाह दरों में तत्काल 60 से 70 प्रतिशत कमी आएगी, जिससे कोविड-19 महामारी की स्थिति में अर्थव्यवस्था की मदद के लिए सरकार की नीति के अनुरूप देश में क्रूज उद्योग को काफी राहत मिलेगी।

      क्रूज जहाजों के लिए तर्कसंगत टैरिफ दरें इस प्रकार हैं-

  1. एक क्रूज जहाज से पहले 12 घंटे ठहरने (निर्धारित दर) तथा 5 डॉलर प्रति यात्री (हेड टैक्स) के लिए वर्तमान दर 0.35 डॉलर की बजाय 0.085 डॉलर प्रति जीआरटी (सकल पंजीकृत टन भार) बंदरगाह प्रभार लिया जाएगा। बंदरगाह बर्थ किराया, बंदरगाह शुल्क, पायलट, यात्री शुल्क आदि जैसी अन्य दरें वसूल नहीं करेंगे।
  2. 12 घंटे से अधिक अवधि ठहरने के लिए क्रूज जहाजों पर निर्धारित शुल्क एसओआर (दरों की अनुसूची) के अनुसार बर्थ किराया प्रभार के बराबर होगा। इसमें क्रूज जहाजों के लिए लागू 40 प्रतिशत छूट दी जाएगी।
  3. इसके अलावा क्रूज शिप मेकिंग
  • 10 प्रतिशत छूट प्राप्त करने के लिए प्रति वर्ष 1-50 कॉल
  • 20 प्रतिशत छूट प्राप्त करने के लिए प्रति वर्ष 51-100 कॉल
  • 30 प्रतिशत छूट प्राप्त करने के लिए प्रति वर्ष 100 कॉल से अधिक

उपरोक्त तर्कसंगत टैरिफ दरें एक वर्ष की अवधि के लिए तुरंत प्रभावी होगी

   क्रूज शिपिंग व्यापार को सहायता प्रदान करने के दृष्टिकोण से क्रूज शिपिंग और पर्यटन के विकास के लिए उचित नीति माहौल और बुनियादी ढांचा उपलब्ध होगा। यह उद्योग कोविड-19 महामारी के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वर्ष 2014 से शिपिंग मंत्रालय की नीतिगत मदद के कारण भारत में क्रूज शिप द्वारा की गई कॉल की संख्या जो 2015-16 में 128 थीं वह 2019-20 में बढ़कर 593 हो गई। इस युक्तिकरण से यह  सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि भारतीय बंदरगाहों में क्रूज कॉल पूरी तरह से न सूख जाएं।

   केन्द्रीय शिपिंग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि यह निर्णय महासागर और नदी क्रूज के लिए वैश्विक क्रूज बाजार के नक्शे पर भारत को स्थापित करके प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विज़न को वास्तविकता में बदलने के लिए शिपिंग मंत्रालय द्वारा किए गए प्रयासों का ही परिणाम है। इससे भारत में क्रूज पर्यटन के लिए बड़ी सहायता मिलेगी, जो कोविड-19 महामारी के प्रतिकूल आर्थिक प्रभाव के कारण जबरदस्त रूप से पीड़ित है। यह बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा अर्जित करने तथा देश में क्रूज पर्यटन क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बड़ी संख्या में तटवर्ती रोजगार के अवसर जुटाएगा।

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