रियल स्टेट की एक बड़ी कंपनी के प्रेसिडेंट/निदेशक सहित चार के खिलाफ लाखों की धोखाधड़ी व ठगी का मामला दर्ज

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-पहले द्वारका एक्सप्रेस वे पर फ़्लैट देने की बात की फिर सोहना रोड पर

-तीन साल में फ़्लैट देने की बात थी जबकि छह साल बाद तक कटवाते रहे चक्कर,

-कारपेट एरिया की बजाय सुपर बिल्ट अप एरिया के हिसाब से कीमत वसूल कर लगाया लाखों की चपत

सुभाष चौधरी /संपादक

गुरुग्राम :  थाना सुशांत लोक गुरुग्राम पुलिस ने एक महिला की शिकायत पर रियल स्टेट की एक बड़ी कंपनी के मालिक, निदेशक सहित चार लोगों के खिलाफ लाखों रुपए की धोखाधड़ी करने और ठगी का मामला दर्ज किया है.  बीएसआर इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड नामक इस कंपनी के प्रबंधन पर  द्वारका एक्सप्रेसवे पर स्थित प्रोजेक्ट में फ्लैट  देने के नाम पर लाखों रुपए का इन्वेस्ट कराने और एग्रीमेंट के अनुसार फ्लैट मुहैया नहीं कराने का आरोप लगाया गया है.  पुलिस ने रेवाड़ी निवासी महिला की शिकायत पर  आईपीसी की धारा 406,  420, 120 बी  के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

उल्लेखनीय है की गुरुग्राम में बिल्डरों द्वारा फ्लैट खरीदारों के साथ धोखाधड़ी करने का यह कोई नया मामला नहीं है बल्कि दर्जनों ऐसे मामले दर्ज हैं लेकिन राजनीतिक रसूख और धनबल के सहारे मामलों को वर्षों तक फाइलों में दबाए रखने की परंपरा यहां बदस्तूर जारी है. फ्लैट खरीददार वर्षों  तक न्याय पाने के लिए दर बदर की ठोकरें खा रहे हैं लेकिन उनकी सुनवाई कानूनी प्रक्रिया के नाम पर ढाक के तीन पात जैसी है. 

 इस प्रकार के विवाद का निपटारा करने और खरीददारों को आर्थिक चपत लगाने वाले रियल एस्टेट कंपनियों व  बिल्डरों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने संसद से रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी गठन करने का कानून पारित किया.  हरियाणा सरकार ने इस मामले में सक्रिय पहल करते हुए गुरुग्राम में भी हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन कर सख्त संदेश देने की कोशिश की.  अथॉरिटी में बड़े पैमाने पर ऐसे विवाद आईबी कुछ के हल भी निकले और कई बद दिमाग बिल्डरों  के खिलाफ कार्रवाई भी हुई लेकिन फ्लैट खरीदारों के साथ ठगी करने का सिलसिला अब भी जारी है.  लोग  अपनी गाढ़ी कमाई  का लाखों रुपए  भुगतान करने के बावजूद अपने सपनों का घर खरीदने में नाकाम रहते हैं और  फिर अपने पैसों  की वापसी के लिए कानूनी चौखट पर  सिर रगड़ने को मजबूर होते हैं. 

 इसी प्रकार का एक और मामला एक बार फिर सामने आया है. बताया जाता है कि  इस मामले की शिकायतकर्ता नम्रता कुमारी ने अपनी शिकायत में बताया है कि  बीएसआर इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड  से द्वारका एक्सप्रेसवे गांव बघेरा स्थित प्रोजेक्ट 114 एवेन्यू में सर्विस अपार्टमेंट नंबर 601 एवेन्यू खरीदने का एग्रीमेंट 4 अक्टूबर 2012 को किया था.  एग्रीमेंट के अनुसार अगले 3 साल में फ्लैट का कब्जा देने का वायदा किया गया था साथ ही एश्योर्ड रेंटल रिटर्न का भी आश्वासन दिया था.  इस एवज में शिकायतकर्ता महिला से उक्त बिल्डर ने कई किस्तों में लगभग 4000000 रुपए अपने प्रोजेक्ट में निवेश करा लिए.  एग्रीमेंट के अनुसार भुगतान के बाद वर्ष 2015 तक उक्त अपार्टमेंट खरीदार महिला को सौंपा जाना था लेकिन 2000 17 तक भी उसे फ्लैट नहीं मिला और बिल्डर कुछ ना कुछ बहाना बाजी करके खरीददार महिला को टरकाता रहा .

पीड़िता द्वारा बारंबार बिल्डर से अपने फ्लैट की मांग करने पर उन्हें धोखा देने की दूसरी चाल चल दी गई.  शिकायत में महिला ने बताया है कि बारंबार मांग करने के बाद बिल्डर की ओर से उन्हें 2017 में कहा गया कि द्वारिका एक्सप्रेस वाले प्रोजेक्ट से उनका तबादला कर सोहना रोड स्थित 68 एवेन्यू वाले प्रोजेक्ट में दिया जाएगा.  यह प्रस्ताव बिल्डर ने उन्हें ईमेल द्वारा  12 दिसंबर 2017 को भेजा जिसमें बिल्डर ने द्वारका एक्सप्रेसवे वाले पहले प्रोजेक्ट में उन्हें फ्लैट देने में असमर्थता जताई. 

 सोहना रोड स्थित प्रोजेक्ट 68 एवेन्यू सेक्टर 68 में अपार्टमेंट देने की पेशकश करते हुए  बिल्डर ने पीड़ित पक्ष से अपनी हामी भरने को कहा जिसे 8 मई 2018 को हलफनामा के माध्यम से स्वीकार कर लिया गया. बिल्डर ने अपने ईमेल में हलफनामे की भाषा के साथ-साथ खरीदार द्वारा जमा कराए गए 4000000 रुपए का ब्यौरा भी भेजा था.  इसके बाद शिकायतकर्ता ने पिछले प्रोजेक्ट को समर्पण करने का अपना कंसेंट दे दिया और नया अपार्टमेंट एस ए 3- 17 टावर ए एवेन्यू 68 के आवंटन के दस्तावेज और बायर एग्रीमेंट जुलाई 2018 को बनवा कर भेज दिया.  उन्होंने बताया है कि इस एग्रीमेंट में बिल्डर ने तारीख और वर्ष 2017 लिख दिया था जिस पर बिल्डर से पूछताछ करने पर कंपनी के प्रबंधन  की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया.  उल्लेखनीय है कि द्वारका एक्सप्रेसवे वाला प्रोजेक्ट के प्रस्ताव को सरेंडर मई 2018 में किया गया था जबकि नया आवंटन की तिथि बिल्डर की ओर से वर्ष 2017 अंकित कर दी गई. 

 शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि यह बिल्डर ने बद नियति से उन्हें गुमराह करने की कोशिश की और उक्त कंपनी में काम करने वाले मालिक निदेशक और अन्य कर्मचारी सामूहिक तौर पर इन्हें गुमराह करते रहे.  शिकायतकर्ता को जब बिल्डर पर संदेह हुआ तो उसने हरेरा की ऑफिशियल गजब जो 16 फरवरी 2018 को नोटिफाई किया गया था के अनुसार उन्हें जानकारी मिली कि कोई भी भवन निर्माता कारपेट एरिया के हिसाब से ही भवन या फ्लैट का निर्माण कीमत वसूल सकता है ना कि सुपर बिल्ट अप एरिया से.  लेकिन इस मामले में आरोपी बिल्डर ने सुनियोजित आपराधिक षड्यंत्र के तहत 1500000 रुपए की चपत लगा दी.  उनसे बिल्डर ने कारपेट एरिया बजाज सुपर बिल्ट अप एरिया की कीमत वसूल कर 1500000 रुपए का नुकसान पहुंचाया . साथ ही 1 साल पहले की तिथि से आमंत्रण पत्र जारी कर उनके साथ धोखाधड़ी  की. 

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि उक्त बिल्डर ने उनके साथ तिथियों में हेरफेर कर उनसे अधिक पैसे वसूले उनके साथ धोखाधड़ी की और उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचाया. शिकायतकर्ता महिला ने सभी आवश्यक कागजात संलग्न करते हुए वक्त बिल्डर के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें न्याय दिलाने की मांग की.

महिला की शिकायत पर सुशांतलोक थाना पुलिस ने सेक्टर 44 इंस्टीट्यूशनल एरिया गुरु ग्राम स्थित  वी एस आर इंफ्राटेक  प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के प्रेसिडेंट देवेंद्र पांडे,  डायरेक्टर राकेश राजमल जैनम  प्रबंधक रेनू मेहता और दूसरी प्रबंधक नेहा धवन के खिलाफ आईपीसी की धारा 406,  420 और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. 

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