कारगिल युद्ध के समय अटल जी अमेरिका के दबाव में नहीं आये : जे पी नड्डा

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नई दिल्ली : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि जब फौज कारगिल की लड़ाई बॉर्डर पर लड़ रही थी, तो राजनीतिक लीडरशिप International arena पर लड़ रही थी। नवाज शरीफ ने बिल क्लिंटन से बीच बचाव का आग्रह किया था. उस समय अटल जी के पास बहुत सारे संदेश आए थे। लेकिन उन्होंने स्पष्ट कहा था कि भारत तब तक युद्ध विराम नहीं करेगा, जब तब हम अपनी सीमाओं को सुरक्षित नहीं कर लेते. श्री नड्डा आज कारगिल विजय दिवस पर एक कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि कारगिल की लड़ाई मां भारती के वीर सपूतों के शौर्य का प्रतीक है। भारतीय सैनिकों के अदम्य साहस, शौर्य और समर्पण का मैं हृदय से वंदन करता हूं। राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा करते हुए अपनी वीरता का परचम लहराने वाले मां भारती के सभी योद्धाओं का संपूर्ण राष्ट्र सदैव कृतज्ञ रहेगा।कारगिल विजय दिवस पर देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी अमर वीर शहीद जवानों को श्रद्धासुमन अर्पित किये। आप हैं तो हम हैं, आपके शौर्य, पराक्रम एवं बलिदान को देश कभी नहीं भूलेगा।

श्री नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  का फौज के प्रति काफी लगाव है। उनकी हर दीवाली फौज के जवानों के साथ बॉर्डर पर मनती है। ये संदेश है कि त्योहारों पर भी जो देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं, उनके साथ देश का प्रधानमंत्री खड़ा है.  प्रधानमंत्री मोदी  के आने के बाद 36 राफेल विमान, 28 अपाचे और 15 चिनूक हेलीकाप्टर आ गए हैं। UPA के समय से बॉर्डर पर अटके लगभग 72 प्रोजेक्ट्स पूरे होने वाले हैं। 2008 से 2014 तक 3,610 किमी सड़कें बनी। जबकि 2014 से 2020 तक 4,764 किमी बॉर्डर रोड़ पूरी हो चुकी हैं.

उन्होंने कहा कि लद्दाख स्टैंड ऑफ में भी प्रधानमंत्री खुद गए थे, उन्होंने बैठकें भी कीं, जवानों का हालचाल भी पूछा। प्रधानमंत्री जी के एजेंडा में रक्षा का विषय फोकस पर रहा है. वन रैंक-वन पेंशन को पूरा करने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया। करीब 33,000 करोड़ रुपये देकर उन्होंने सभी भुगतान पूरे कराए.

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