स्क्रैप व्यापारी को गोली मारी, हालत गंभीर, मेदान्ता में भर्ती, दो हमलावर पकड़े गए , व्यापारियों में हड़कंप

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गुरुग्राम। शहर के राजेंद्र पार्क स्थित लक्ष्मी गार्डन निवासी एक स्क्रैप व्यापारी को मंगलवार देर रात गोली मारने की सनसनीखेज घटना से शहर के व्यवसायियों में हड़कंप मचा हुआ है। यह जानलेवा हमला द्वारिका एक्सप्रेस एवं धनवापुर मोर के आसपास किया गया। दो हमलावर, ऊक्त व्यवसाई पर ताबड़तोड़ गोलियां चला कर अपनी एसेंट गाड़ी में भाग गए। हालांकि दोनों हमलावर अपनी एसेंट गाड़ी में घबराहट की हालत में भागने के दौरान बसई रोड के आसपास पुलिस बैरिकेडिंग से टकराए जिससे पुलिस ने उन्हें धर दबोचा। व्यापारी को मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।

व्यावसायी के परिजनों के अनुसार यह घटना मंगलवार रात्रि लगभग 9:30 बजे की है। उन्होंने बताया कि रात के अंधेरे में दो व्यक्ति वाइट कलर की एसेंट कार से उनके धनवापुर रोड स्थित स्क्रैप गोदाम पर आए और व्यापारी शमशाद को अपनी गाड़ी में जबरन बिठा ले गए। उन्होंने बताया कि उन लोगों ने झूठा आरोप लगाया कि उनकी कार में स्क्रैप से भरे ट्रैक्टर ने टक्कर मार दी है। उनका कहना था कि ट्रैक्टर ने उनकी गाड़ी को किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचाया था और ना ही टक्कर मारी थी बावजूद इसके वे उक्त व्यापारी को अपनी गाड़ी में बैठा कर ले गए।

इस बीच गोदाम पर मौजूद व्यापारी के परिजनों ने उनसे फोन पर लगातार संपर्क करने की कोशिश की। उन्हें कहां ले जाया गया यह जानने की कोशिश की तो उसका फोन नहीं लग रहा था। बताया गया कि हमलावरों ने उससे उनके फोन भी छीन लिए थे। गाड़ी में उसे बैठा कर ले जाते वक्त गोदाम में मौजूद लोगों ने गाड़ी का नंबर नोट कर लिया था। ऊक्त कर का नंबर एच आर 26BB0070 बताया गया। लगभग आधे घंटे बाद उक्त व्यापारी शमशाद का फोन अपने परिजनों के पास आया। व्यापारी ने बताया कि वह घायल अवस्था में धनवापुर मोड़ के आस पास पड़ा हुआ है। जो लोग उन्हें जबरन गाड़ी में बिठा कर ले गए थे उन्होंने उन पर गोलियों से हमला कर दिया है। उन्हें दो गोलियां मारी हैं। अपने को बचाने के लिए उक्त व्यापारी ने भागने की कोशिश की जिससे उनके बाएं पैर में दो गोली लगी। दोनों ही गोलियां आर पार हो गई और उसके छर्रे से शरीर के अन्य भाग में भी वह बुरी तरह घायल हो गया और वहीं गिर पड़ा।

इस जानलेवा घटना को अंजाम देने के बाद दोनों हमलावर अपनी एसेंट गाड़ी में वहां से फरार हो गए। हमलावर उक्त व्यापारी को गोली मारने के बाद उनकी जेब में रखे लगभग 30,000 रुपए कैश भी ले उड़े थे। बताया जाता है कि उन्होंने भागने की कोशिश में बसई रोड के आसपास पुलिस वेरीकेटिंग में टक्कर मार दी जिससे वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें दबोच लिया और उनसे पूछताछ के लिए थाने ले गए।

इस बीच घायल अवस्था में पड़े स्क्रैप व्यापारी शमशाद ने किसी तरह अपने परिजनों को इस घटना के बारे में सूचित किया और अपनी हालत बताई। उनके परिजन वहां पहुंचे और उसे सिविल अस्पताल सेक्टर 10 ले गए। इस घटना की खबर उन लोगों ने पुलिस को तत्काल दी और उस पर उक्त उजले कलर की एसेंट कार का नंबर भी बताया जिस पर दोनों हमलावर व्यापारी को जबरन उठा कर ले गए थे।

पुलिस को वी टी से मिले संदेश से या पता चला कि जिस एसेंट कार को उन्होंने बैरिकेडिंग में टक्कर मारने के कारण धर दबोचा है उसी कार में उक्त व्यापारी को उठाकर भागने वालों पर गोली मारने की घटना को अंजाम देने का आरोप है। बताया जाता है कि दोनों हमलावर गांव धनवापुर के रहने वाले हैं और उन्हें राजेंद्र पार्क थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

इस घटना ने शहर के व्यापारियों में हड़कंप मचा दिया है। व्यापारी के परिजन जब उन्हें गंभीर हालत में सिविल अस्पताल सेक्टर 10 ले गए तो वहां डॉक्टरों ने पुलिस के आने तक उसका इलाज करने से मना कर दिया। हालांकि पुलिस को इसकी सूचना पहले ही दी गई थी लेकिन पुलिस को आने में काफी देर लगी जिससे गंभीर हालत में गोली लगी हुई स्थिति में व्यापारी सिविल अस्पताल में तड़पता रहा और किसी भी स्वास्थ्य कर्मी या डॉक्टर ने उसे हाथ नहीं लगाया। उनके परिजन डॉक्टरों से लगातार आरजू मिन्नत करते रहे लेकिन डॉक्टरों ने इलाज करने से यह कहते हुए मना कर दिया कि जब तक पुलिस नहीं आएगी , एमएलसी नहीं बनाएगी तब तक हम हाथ नहीं लगाएंगे। उनके पैरों से दोनों गोलियां आर पार हो गई थी और गोलियों के छर्रे से उसके शरीर पर और भी घाव हो गए थे जिससे उनके शरीर से खून लगातार बह रहे थे लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें फर्स्ट ऐड तक देने से मना कर दिया।

व्यापारी दो से तीन घंटे तक घायल अवस्था में पड़ा रहा। पुलिस काफी देर से पहुंची। एमएलसी बनाने के बाद ही सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे हाथ लगाया और उसे फर्स्ट एड देकर दूसरे अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। उसके परिजन पहले उन्हें कोलंबिया एशिया अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने स्टाफ की कमी होने की बात कह कर भर्ती करने से मना कर दिया। उसकी हालत गंभीर बनी हुई थी। अंततः उसे मेदान्ता अस्पताल ले जाया गया जहां उसे भर्ती किया गया। ऊक्त अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।

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