राष्‍ट्रीय वेबीनार में विशेषज्ञों ने बताया एआई (Artificial Intelligence) का भविष्‍य उज्‍जवल

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– इलेक्‍ट्रॉनिक हार्डवेयर में आर्टिफि‍शियल इंटेलीजेंस/मशीन लर्निंग – कौशल विकास के लिए अवसर

नई दिल्ली :  इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स सेक्‍टर स्किल काउंसिल ऑफ इंडिया (ईएसएससीआई) ने इंडिया इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एंड सेमीकंडक्‍टर एसोसिएशन और ईएफवाई ग्रुप के साथ मिलकर एक राष्‍ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया। इसमें इलेक्‍ट्रॉनिक हार्डवेयर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में कौशल विकास के लिए अवसर का आंकलन किया गया।

 

इस वेबीनार में उद्योग और शैक्षिक जगत के विशेषज्ञों ने हिस्‍सा लिया। वेबीनार का शुभारंभ ईएसएससीआई के सीईओ एन के मोहापात्रा के विषय परिचय एवं स्‍वागत भाषण से हुआ। इसमें उन्‍होंने मौजूदा स्थिति और इस उभरते क्षेत्र में कौशल विकास के बुनियादी कारणों के बारे में बताया। बतौर मुख्‍य व‍क्‍ता डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन के वरिष्‍ठ निदेशक व ग्रुप कॉर्डिनेटर (आर एंड डी) डॉ. बी के मूर्थि ने उभरते हुए तकनीकी क्षेत्रों में सरकार के नजरिये को रखा और बताया कि सरकार टेलीकॉम और तकनीक के क्षेत्र में सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए उन्‍होंने स्‍टार्टअप, इंडस्‍ट्री, शैक्षिक संस्‍थान और सरकार को मिलकर युवाओं को प्रशिक्षित करने पर जोर दिया।

 

अवांटियम एडवाजर्स एलएलपी के कार्यकारी निदेशक नीजू विजयन ने इस विषय पर एक प्रेजेंटेशन रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि वर्ष 2025 तक देश में एआई के क्षेत्र में कुशल लोगों की जरूरत 40 गुणा तक बढ़ जाएगी। भारत अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर एआई के क्षेत्र में वैश्विक ताकत बनकर उभरेगा। उन्‍होंने बताया कि वर्ष 2025 तक देश में 4,35,000 एआई हार्डवेयर प्रोफेशनल की आवश्‍यकता होगी। कुल डिमांड का करीब 50 फीसदी मुख्‍य रूप में वाहन और कृषि व फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र से होगी। ग्‍लोबल कंपनियां एआई हार्डवेयर प्रोफेशनल की मांग में करीब 54 फीसदी और निवेश में करीब 25 फीसदी का योगदान देगी। टेक्‍नोलॉजी स्‍टार्टअप एआई हार्डवेयर के क्षेत्र में उभरती प्रतिभाओं के लिए एक मौका दे रहा है।

 

इस मौके पर इंटेल कॉरपोरेशन के डायरेक्‍टर ऑफ इंजीनियरिंग के प्रिंसिपल इंजीनियर भारत डागा, अलटेन कैलसॉफ्ट लैब्‍स के वाइस प्रेसिडेंट अशोक मिश्रा और पीईएस यूनिवर्सिटी के डायरेक्‍टर प्रोफेसर सत्‍य प्रसाद मौजूद रहे। इन्‍होंने इंडस्‍ट्री की जरूरत और यूनिवर्सिटी में पढ़ाए जा रहे पाठ्यक्रम के बारे में बताया। जबकि  हमिंगबर्ड एडवायजर्स के सीईओ पूर्णिमा शिनॉय ने पूरे वेबीनार का संचालन किया।

 

वक्‍ताओं ने बताया कि एआई डेवलपमेंट सेंटर और चिप डिजाइन सेंटर में हार्डवेयर इंजीनियर की जरूरत होगी। इलेक्‍ट्रॉनिक सिस्‍टम मैन्‍यूफैक्‍चरिंग की वजह से भी इस क्षेत्र को काफी फायदा होगा। सिस्‍टम डिजाइन, बोर्ड डिजाइन, इंटीग्रेशन, टेस्टिंग वगैरह की मांग मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एंड इंस्‍ट्रूमेंटेशन के क्षेत्र में होगी।

 

सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के तर्ज पर एआई हार्डवेयर के क्षेत्र में भी दुनिया में छा जाने का बेहतरीन मौका है। इसके लिए इंजीनि‍यरिंग के विद्यार्थियों के कौशल पर जोर देने की जरूरत है। इस मौके पर ईएसएससीआई के सीईओ एनके मोहापात्रा ने सेक्‍टर स्किल काउंसिल की तैयारियों का जिक्र करते हुए बताया कि भविष्‍य की तकनीक को लेकर ईएसससीआई तैयार है।

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