80 प्रतिशत से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज घर पर हो सकते हैं रोग-मुक्त : डॉ वीरेंद्र यादव (सिविल सर्जन )

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गुरुग्राम 20 जून । सिविल सर्जन डा. वीरेंद्र यादव ने बताया कि यदि आपके घर या पड़ोस में कोई कोरोना संक्रमित मरीज है तो घबराएं नहीं क्योकि 80 प्रतिशत से अधिक कोरोना मरीजों में लक्षण लगभग न के बराबर होते है। ऐसे मरीज अपने घर पर ही रहकर आसानी से ठीक हो सकते है। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए स्वास्थ्य विभाग के वैबपोर्टल www.haryanahealth.gov.in पर संपर्क किया जा सकता है।

किसके लिए है गृह एकांतवास


जिन मरीजों के घर पर उनके लिए अलग कमरा हो तथा परिवार के अन्य सदस्यों के रहने के लिए अलग सुविधा हो। जिन मरीजों की देखभाल करने वाला व अन्य नजदीकी संपर्क में आने वाला व्यक्ति हायड्रो एंड क्लोरोक्वीन दवाई का चिकित्सकीय सलाह से सेवन कर सके। जो मरीज अपने मोबाइल फोन पर आरोग्य-सेतु एप का इस्तेमाल कर सके। जो मरीज अंडरटेकिंग देने के लिए तैयार हो कि वह घर पर रहने के दौरान स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन के सभी दिशानिर्देश का पालन करेंगे।

कब करें गृह एकांतवास समाप्त


जब कोरोना संक्रमित व्यक्ति की सैंपलिंग को 10 दिन पूरे हो जाते हैं और आखिरी 3 दिन में उसमें कोरोना के किसी प्रकार के लक्षण नहीं होते तो वह अपना गृह एकांतवास समाप्त कर सकता है । इसके लिये उसे किसी प्रकार की सैंपलिंग करवाने की जरूरत नहीं होती है। इसी प्रकार यदि कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमण को लेकर अस्पताल मेंं भर्ती है और उसे 10 दिनों में से 7 से 10वे दिन तक कोई लक्षण नहीं आते हैं तो उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है और उसे एक सप्ताह के लिए घर पर क्वॉरेंटाइन किया जाता है। घर में रहने के दौरान यदि उसे कोई लक्षण दिखाई नहीं पड़ते तो वह गृह एकांतवास समाप्त कर सकता है ।

कब करें स्वास्थ्यकर्मी से संपर्क


जब भी बुखार हो या सांस लेने में कठिनाई, छाती में दर्द या दबाव, मानसिक असमंजस, चेहरे या होठो पर नीलिमा इत्यादि की शिकायत हो।

मरीज के लिए निर्देश


सिविल सर्जन ने बताया कि हमेशा ट्रिपल लेयर मास्क पहने व हर आठ घंटे में इसे बदले। गीला होने पर तुरंत बदले व एक प्रतिशत सोडियम हायपोक्लोराइट घोल में धोकर निस्तारण करें। एकांतवास के अंत तक अपने कमरे में ही रहें। अपना निजी शौचालय ही इस्तमाल करें। नियमित गर्म पानी व चाय एवं पौष्टिक अथवा संतुलित भोजन ही खाएं। छींकते या खांसते समय रुमाल व कोहनी का इस्तमाल करें। अपने हाथ नियमित रूप से साबुन-पानी या अल्कोहल युक्त सेनेटाइजर से साफ करे। रोगी अपने कमरे में ही भोजन करे। अपने बर्तन, बिस्तर व तौलिया आदि अलग रखे। मदिरा सेवन व धुम्रपान से बचें। अपना मोबाइल फोन भी अलग रखे।

मरीज के लिए दवाईयां डॉक्टर की सलाह के बिना न ले

  1. Tablet Vitamin C : Once Daily
  2. Tablet B-Comple& : Once Daily
  3. Tablet Paracetamol : When fever / bodyache
  4. Tablet Cetrizine : When Cough / Cold
  5. Tablet Azithromycin : When Cough

स्वास्थ्य जांच का तरीका


हर सुबह और रात या जब कभी भी बुखार महसूस हो तो तुरंत स्वास्थ्य परीक्षण करे और थर्मामीटर से चेक करें। यदि आपके शरीर का तापमान 100 फेरेनाइट (37.8 सेल्सियस) से अधिक है या आपकी पल्स दर 100 बीट प्रति मिनट से अधिक है, तो तुरंत स्वास्थ्यकर्मी से संपर्क करे।

देखभाल करने वालों के लिए निर्देश


बीमार व्यक्ति के पास हो तो ट्रिपल लेयर मास्क पहने। मास्क के सामने वाले हिस्से को न छुएं। यदि स्त्राव के साथ मास्क गीला हो जाता है, तो इसे तुरंत बदले। उपयोग के बाद मास्क को त्यागे ओर मास्क के निपटान के बाद हाथों को अच्छी तरफ साफ करें। अपना चेहरा, नाक या मुंह छुने से बचें। बीमार व्यक्ति या उसके तात्कालिक के संपर्क के बाद कम से कम 20 सैकेड तक हाथ धोने चाहिए। खाना बनाने, खाने व शौचालय जाने से पहले व बाद में हाथ अच्छी तरफ से साबुन व पानी से साफ करे। हाथ सुखाने के लिए डिस्पोजेबल पेपर तौलिए का उपयोग कर या साफ तौलिए का प्रयोग करें व गीला होने के बाद तौलिए को बदल दे। रोगी को संभालते समय डिस्पोजेबल दस्ताने का उपयोग करे। दस्ताने हटाने से पहले व बाद में हाथ की सफाई करें। रोगी के बर्तन को दस्ताने पहन कर साबुन, डिटर्जेंट व पानी से साफ करें। देखभाल करने वाला सुनिश्चित करेगा कि रोगी निधारित उपचार का पालन कर रहा है अथवा नहीं।

कोविड मरीज के पडोसियों के लिए निर्देश


सीढियों और लिफ्ट बटन अथवा हाथ की रेलिंग आदि अक्सर छुए जाने वाले स्थानों पर विशेष ध्यान दे। उन्हें सीधे छुने से बचें। जहां तक संभव हो होम आइसोलेशन के मरीज से समय-समय पर फोन पर बात करके उनका मनोबल बढाते रहें। मरीज से उचित दूरी बनाए रखे और ध्यान दें कि बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं विशेष रूप से मरीजों से दूरी बनाए रखे। याद रखे, लडाई बीमारी के खिलाफ है, बीमार से नहीं। रोगी या उनके परिवार के सदस्यों के लिए किसी भी प्रकार की परेशानी का कारण न बने। मरीज की तब तक मदद करे जब तक कि वे ठीक न हो जाएं। यदि उन्हें किसी आवश्यक वस्तु जैसे दवा, राशन, सब्जी आदि की आवश्यकता होती है, तो उनके घर के दरवाजे के बाहर वस्तुओं को छोडकर उनकी मदद करें। किसी भी सहायता के लिए गुरुग्राम जिला की हेल्पलाइन नंबर- 1950 या इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर 108 पर संपर्क करें।

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