मारुति सुजुकी का मानेसर यूनिट में आज से उत्पादन शुरू , लॉक डाउन के बाद पहली बार 27 कारें बनाई , उद्योग विहार यूनिट में भी कल से ड्यूटी पर आएंगे श्रमिक

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सुभाष चंद्र चौधरी

गुरुग्राम, 12 मई। हरियाणा ही नहीं देश के उद्योग जगत के लिए यह बड़ी खबर है कि ऑटो सैक्टर की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने आईएमटी मानेसर यूनिट में अपना प्रोडक्शन पुनः शुरू कर दिया है। देशव्यापी लॉक डाउन के दौरान जारी जद्दोजहद के बीच अंततः वह घड़ी आ गई जब एक बार फिर गुरुग्राम में कार उत्पादन शुरू हो गया है। आज मारूति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने लाॅकडाउन के बाद पहली बार आज कुल 27 कार का निर्माण किया। इनमें से 9 गाड़ियां मार्केट के लिए पूरी तरह तैयार कर ली गई। कल से यानी 13 मई से मानेसर की सभी तीन यूनिट और गुरुग्राम के उद्योग विहार स्थित इकाई में भी जनरल शिफ्ट में पूर्णरूपेण उत्पादन शुरू हो जाएगा।

मारुति सुजुकी का मानेसर यूनिट में आज से उत्पादन शुरू , लॉक डाउन के बाद पहली बार 27 कारें बनाई , उद्योग विहार यूनिट में भी कल से ड्यूटी पर आएंगे श्रमिक 2

कंपनी प्रबंधन ने आज मंगलवार से अपनी मानेसर ईकाई में उत्पादन शुरू कर दिया है और पहले दिन लगभग 2500 कर्मी प्लांट में काम पर पहुंचे। प्रबंधन का कहना है कि उत्पादन का आज पहला दिन था और कल से कर्मियों की संख्या बढ़ने की आशा है। साथ ही बताया गया कि कंपनी के गुरूग्राम स्थित प्लांट में उत्पादन शुरू करने की तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। गुरूग्राम प्लांट में स्टाफ धीरे धीरे काम पर लौट रहा है और उत्पादन शुरू करने की दिशा में तैयारियां की जा रही हैं।

मानेसर व गुरुग्राम स्थित सभी यूनिट में प्रत्येक दो श्रमिक के बीच सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन कराने के लिए पार्टीशन कर दिया गया है। पिछले 7 मई से ही अलग अलग बैच में श्रमिकों को यूनिट में बुला कर उनके स्वास्थ्य का नियमित परीक्षण किया जा रहा है। साथ ही प्रोडक्शन के दौरान किस तरह की सावधानियां बरतनी है इसकी भी प्रैक्टिस कराई जा रही है। मारुति प्रबंधन केंद्र सरकार की एस ओ पी के पालन को लेकर बेहद गंभीर है और कर्मियों को इसके लिए लंबी अवधि की दृष्टि से मानसिक रूप से तैयार किया जा रहा है। यही कारण है कि आज कर उत्पादन को केवल एक्सपेरिमेंटल तौर पर किया गया। कंपनी सूत्रों का कहना है कि आज केवल अलग अलग मॉडल की 27 कारें ही बनाई जा सकी जिनमें से 9 कार मार्केट में जाने के लिए तैयार है जबकि अन्य को फाइनल चेकिंग के लिए रोका गया है।

तकनीकि तौर पर पहले वाली गति से उत्पादन नही हो पाएगा क्योंकि चार श्रमिकों की जगह केवल एक श्रमिक लगाए हैं। प्रबंधन ने उन्हें यह साफ कह दिया है कि उत्पादन में बेशक़ थोड़ी देरी हो जाये लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग में कोई समझौता नहीं होना चाहिए। इसलिए ही नए सिरे से पार्टीशन कर दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए देशव्यापी लॉक डाउन के कारण औद्योगिक उत्पादन पूरी तरह ठप्प था और अब देश की बड़ी आॅटोमोबाइल कंपनी मारूति सुजुकी इंडिया लिमिटेड द्वारा कार उत्पादन शुरू करने से इसकी सहयोगी ईकाइयों में भी उत्पादन शुरू होने की संभावना प्रबल है। इससे मारुति सहित अन्य कंपनियों के श्रमिक पुनः ड्यूटी पर लौटने शुरू हो गए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जैसे जैसे लाॅकडाउन में ढील दी गई , उस पर अमल करते हुए गुरूग्राम जिला प्रशासन ने भी जिला में औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियां चरणबद्ध तरीके से शुरू करने की मंजूरी देनी शुरू कर दी है। बड़ी औद्योगिक ईकाई के शुरू होने से उसके साथ जुड़ी तमाम छोटी ईकाइयों में भी उत्पादन शुरू होना स्वाभाविक है, जिससे उनमें काम करने वाले कर्मियों को पुनः रोजगार मिलेगा और लाॅकडाउन में ठप्प हुआ जन जीवन पुनः सामान्य होने की तरफ अग्रसर होगा।

गुरूग्राम जिला में मारूति सुजुकी जैसी बड़ी कंपनियों सहित लगभग 1330 औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों को प्रशासन द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है। इनमें 1 लाख से अधिक कामगारों के पुनः काम पर लौटने का रास्ता प्रशस्त हो गया है।

जिला प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद पिछले लगभग एक सप्ताह से मारूति कंपनी प्रबंधन अपने श्रमिकों को प्लांट शुरू करने के बारे में सूचित करने के साथ साथ तैयारियों में लगा हुआ था। बताया जाता है कि कंपनी ने मारुति सुजुकी वैलनेस मित्रा नामक एक ऐप डेवलप कर अपने सभी श्रमिकों से संपर्क साधा। इस ऐप के माध्यम से श्रमिकों का लोकेशन और उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के साथ-साथ उनकी व्यक्तिगत समस्याओं का डाटा जुटाने के प्रबंध किए गए जबकि उन्हें कंपनी की ओर से आवश्यकतानुसार मदद भी पहुंचाई जा रही है।

इस ऐप के माध्यम से मारुति सुजुकी प्रबंधन ने लगभग अपने सभी श्रमिकों से संपर्क साध लिया है और उन्हें कोरोनावायरस संक्रमण की दृष्टि से संवेदनशील रहने को भी कहा जा रहा है।

बताया जा रहा है कि इस बार प्रबंधन द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करने के लिए यूनिट में प्रवेश करने से लेकर शिफ्ट ऑफ होने तक की पूरी गतिविधियों को मॉनिटरिंग करने के लिए खास व्यवस्था की गई है। अब एक टेबल पर केवल एक श्रमिक लगाया गया है जबकि पहले एक टेबल पर 4 श्रमिकों की ड्यूटी होती थी। लंच और टी ब्रेक के दौरान भी इसका पालन कराया जा रहा है। इसके अलावा श्रमिकों के बैठने की दिशा अलग अलग करने का प्रबंध है जिससे संक्रमण की रोकथाम में मदद मिलेगी।

अब मानेसर स्थित प्लांट में प्रवेश करने और बाहर निकलने के समय सभी श्रमिकों का बॉडी सैनिटाइजेशन भी किया जा रहा है जिसके लिए कंपनी गेट पर खासतौर से निर्मित सैनिटाइजेशन टनल की स्थापना कराई गई है। इसके अंदर से श्रमिकों को गुजरने के समय सैनिटाइज किया जा रहा है। इसके अलावा, श्रमिकों के आने और जाने के समय उनका बॉडी टेंपरेचर भी थर्मोस्कैनर से चैक किया जा रहा है। सभी श्रमिकों को दस्ताने और मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।

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