लॉकडाऊन के नियमों का पालन नहीं करने वाले दुकानदारों पर होगा मुकदमा दर्ज : उपायुक्त

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– सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया(एसओपी) की गई जारी

-65 वर्ष से ऊपर की आयु के व्यक्ति, गंभीर बीमारी वाले, गर्भवती महिलाएं और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे मार्केट क्षेत्रों में नहीं जा सकते

गुरूग्राम, 6 मई। गुरूग्राम के जिलाधीश एवं उपायुक्त अमित खत्री ने कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये आमजन तथा कार्यस्थल पर काम करने वाले कर्मियों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। लॉकडाऊन अवधि के दौरान व्यवसायिक गतिविधियों को चलाने के लिए इन एसओपी की पालना कड़ाई से करने के निर्देश दिए गए हैं।

आदेशों में कहा गया है कि दुकानदारों तथा आगन्तुकों के लिए सामाजिक दूसरी अर्थात दो गज की दूरी बनाए रखना बहुत ही जरूरी है। इसके साथ कार्यस्थल पर कर्मियों , दुकानदारों तथा आगन्तुकों को दस्ताने एवं मास्क पहनना आवश्यक किया गया है। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि एक बार में दुकान के अंदर 5 ग्राहकों से ज्यादा ना हों। दुकानदारों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनके यहां आने वाले ग्राहक लाईन में एक-दूसरे से कम से कम 6 फुट की दूरी पर खड़े हों, इसके लिए प्रोपर मार्किंग सर्कल बनाना जरूरी है। दुकानों के एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर अस्थाई बैरियर एवं थर्मल स्कैनिंग सिस्टम की व्यवस्था करनी होगी। ग्राहकों के लिए भी यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वे अपने वाहनों को दुकानों के बाहर खड़ा ना करें, बल्कि इन्हें पार्किंग स्थलों पर खड़ा करके आएं। उन्होंने बताया कि 65 वर्ष से ऊपर की आयु के व्यक्ति, गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी उद्देश्यों तथा जरूरी कार्यों को छोड़कर घर में ही रहने की सलाह दी गई है। दुकानदारों और रेहड़ी वालों सहित सभी कर्मियों को आरोग्य सेतु एप डाऊनलोड करने के लिये कहा गया है। सार्वजनिक स्थलों तथा संगठनों में 5 या इससे अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने की अनुमति नहीं होगी।

सार्वजनिक स्थानों पर आमजन व दुकानदारों को भी फेस मास्क, दस्ताने व हैंड सैनिटाइजर के इस्तेमाल के लिए कहा गया है। शादी आदि समारोह में 50 व्यक्तियों तथा शोक सभा मे 20 से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाना अत्यंत आवश्यक है। इसके अलावा, सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों पर राज्य सरकार या स्थानीय स्वशासन निकाय द्वारा निर्धारित जुर्माना लगाया गया जाएगा और सार्वजनिक स्थलों पर पान मसाला, गुटखा, शराब, तंबाकू आदि के सेवन करने पर प्रतिबंध लगाया गया है।

इन आदेशों की अवहेलना करने वालों को आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 में दिए गए प्रावधानों तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंडित किया जाएगा।

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