केंद्र सरकार ने रेलवे को प्रवासी मजदूरों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की अनुमति दी, तेलंगाना से प्रवासियों को झारखंड पहुंचाने के लिए पहली विशेष ट्रेन चलाई गई

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नयी दिल्ली, एक मई । केंद्र सरकार ने अलग अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके राज्य तक पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में केंद्रीय गृह सचिव की ओर से जारी आदेश में रेलवे से स्पेशल ट्रेन चलाने की अनुमति दी गई है। इसके लिए रेलवे से नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा है। इस आदेश के तहत लॉकडाउन में तेलंगाना के लिंगमपल्ली में फंसे 1,200 प्रवासियों को झारखंड के हटिया तक ले जाने के लिए शुकव्रार को पहली विशेष ट्रेन चलाई गई।

लॉकडाउन के कारण देशभर में हजारों प्रवासी फंस गए हैं और उनमें से कई ने तो पैदल चलकर घर पहुंचने की कोशिश की।

गृह मंत्रालय ने बुधवार को राज्यों को अपने निवासियों को बसों में लाने की अनुमति दी थी। कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अनुरोध किया था कि प्रवासियों के लिए विशेष ट्रेनें चलाने की अनुमति दी जाए क्योंकि लंबी दूरी के राज्यों के लिए बसों में ले जाना संभव नहीं होगा। इसलिए ट्रैन चलाने की मांग की। बिहार के सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने भी केंद्र सरकार से ट्रेन चलाने की मांग की थी।

केंद्र सरकार ने अब रेलवे को स्पेशल ट्रेन चलाने की अनुमति दे दी है। आदेश में सभी राज्य सरकारों से कोआर्डिनेशन स्थापित करने के लिए रेलवे को नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा है। ट्रैन के लिए टिकट बुकिंग करने के लिए काउंटर , प्लेटफार्म या फिर ट्रेन में ही व्यवस्था करने को कहा है। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने का भी निर्देश दिया गया है। इस संबंध में रेलवे मंत्रालय की ओर से डिटेल गाइड लाइन जारी करने को भी कहा गया है।

इस आदेश के तहत आज तेलंगाना के लिंगमपल्ली से एक ट्रेन झारखंड के लिए चलाई गई है। आरपीएफ के डीजी अरुण कुमार ने बताया, ‘‘24 बोगियों वाली यह ट्रेन शुक्रवार सुबह चार बजकर 50 मिनट पर रवाना हुई।’’

उन्होंने बताया कि यह प्रवासियों के लिए अब तक चलने वाली पहली ट्रेन है।

रेलवे ने एक बयान में कहा, ‘‘शुक्रवार सुबह तेलंगाना सरकार के अनुरोध और रेल मंत्रालय के निर्देशों पर लिंगमपल्ली से हटिया के लिए विशेष ट्रेन चलाई गई। यात्रियों की पूर्व जांच, स्टेशन तथा ट्रेन में सामाजिक दूरी बनाने जैसे सभी आवश्यक एहतियाती कदम उठाए गए।’’

दक्षिण मध्य रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि सभी यात्रियों की स्टेशन पर थर्मल जांच की गई, मास्क पहनना अनिवार्य किया गया और उन्हें भोजन उपलब्ध कराया गया क्योंकि ट्रेन गंतव्य से पहले कहीं नहीं रुकेगी।

प्रवक्ता ने बताया कि सामाजिक दूरी नियम के पालन के लिए हर बोगी में केवल 54 यात्रियों को बैठने की ही अनुमति दी गई जबकि उसमें 72 लोगों के बैठने की व्यवस्था होती है। कूपों में आठ के बजाय छह यात्रियों को सफर करने की अनुमति दी गई है।

ट्रेन आज रात 11 बजे हटिया पहुंचेगी और उसमें सवार सभी प्रवासियों को पृथक केंद्रों में ले जाया जाएगा। इस दैरान यह ट्रेन 5 स्टेशनों पर केवल दो दो मिनट के लिए रुकेगी। रेलवे ने उन सभी स्टेशनों पर आवश्यक सुरक्षा इंतजाम करने को कहा है।

दिल्ली में रेलवे ने स्पष्ट किया कि यह केवल ‘‘एक विशेष ट्रेन’’ सेवा थी और रेल मंत्रालय के निर्देशों तथा प्रस्थान से लेकर गंतव्य स्थल की राज्य सरकारों के अनुरोध पर ही और ट्रेनों को चलाने की योजना बनाई जाएगी।

राजस्थान, झारखंड, बिहार, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, पंजाब और तेलंगाना जैसे राज्यों ने प्रवासी कामगारों को उनके गृह राज्यों तक लाने के लिए विशेष ट्रेन चलाने का अनुरोध किया है।

केंद्र सरकार ने रेलवे को प्रवासी मजदूरों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की अनुमति दी, तेलंगाना से प्रवासियों को झारखंड पहुंचाने के लिए पहली विशेष ट्रेन चलाई गई 2

सूत्रों ने बताया कि विशेष ट्रेन के लिए मुख्यमंत्रियों के अनुरोध पर रेलवे ने एक सूची तैयार कर ली है और शुक्रवार से प्रवासियों को लाने के लिए ये ट्रेनें लगातार चलाई जाएंगी।

‘ पहले खबर थी कि प्रत्येक रेलवे जोन के पास देशभर में फंसे प्रवासियों को उनके गंतव्यों तक ले जाने के लिए एक ‘‘योजना’’ है।

अधिकारियों ने बताया कि हालांकि सामान्य सेवाओं की बहाली में अभी वक्त लगेगा।

संयोग से शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस भी है।

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