मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की कोरोना को हराने वाले मरीजों से बात

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मुख्यमंत्री आज हुए ‘हरियाणा आज’ कार्यक्रम के माध्यम से लोगों से रू-ब-रू

-लगभग 3900 लोगों के नमूने लैब्स में भेजे गए 

-हरियाणा में कोरोना वायरस से लडऩे के लिए बेहतर प्रबन्ध

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के लोगों से अपील की है कि उन्हें कोरोना वायरस से लडऩे के लिए हौसला रखना होगा। सरकार द्वारा इस लड़ाई से लडऩे के लिए सभी प्रकार के आवश्यक प्रबन्ध किये गए हैं। इन्ही प्रबन्धों के फलस्वरूप राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों में से जो लोग अस्पतालों में ईलाज करवाकर ठीक होने के उपरांत अपने घरों को लौट गए हैं, वे इस लड़ाई को जीतने वाले वास्तविक सैनिक हैं। हमें ऐसे लोग सकारात्मक ऊर्जा व प्रेरणा देते हैं।

         मुख्यमंत्री आज प्रदेश में कोरोना की स्थिति के बारे ‘हरियाणा आज’ कार्यक्रम के माध्यम से लोगों से रू-ब-रू हो रहे थे।

      मनोहर लाल ने कहा कि कोरोना की लड़ाई में हमें न डरना है, न हारना है बल्कि कोरोना को हराना है और जीतना है। इस प्रकार हम कोरोना को हरियाणा से हराएंगे और भारत से भगाएंगे।

         मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा में कोरोना वायरस से लडऩे के लिए किये जा रहे प्रबन्ध अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में लगभग 25 हजार लोगों को निगरानी में रखा गया है तथा लगभग 3900 लोगों के नमूने टेस्ट के लिए भेजे गए हैं।

         मुख्यमंत्री ने हरियाणा के कोरोना वायरस से लडक़र ठीक होकर घर लौटे पांच व्यक्तियों व उनके परिवार के सदस्यों से सीधा संवाद किया और मुख्यमंत्री ने उनको इस जीत के लिए बधाई व शुभकामनाएं दी और उनके अस्पताल के अनुभवों की जानकारी भी ली।

         पीजीआईएमएस, रोहतक से ईलाज करवाकर लौटी श्रीमती मंजू ने बताया कि उनका 23 मार्च को कोरोना का पोजिटिव टेस्ट आया था और 10 दिन अस्पताल में रहकर वह ठीक होकर घर लौटी हैं। उन्होंने बताया कि एक बार तो उनके मन में घबराहट पैदा हुई परंतु डॉक्टरों के व्यवहार से उन्हें हौसला मिला और अब वे इससे ऊबरकर बाहर आ गई हैं।

         इसी प्रकार, गुरुग्राम के कपिल चौपड़ा, जिनको 22-23 मार्च को बुखार आया था और वे ईलाज के लिए प्राईवेट अस्पताल में भर्ती हुए थे और 2 अप्रैल को उनका निमोनिया का टेस्ट हुआ था और इसके बाद कोविड-19 का टेस्ट किया गया था।  इसके साथ ही गुरुग्राम के सैक्टर 10 के सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने भी उनका टेस्ट किया। लगभग ढ़ाई सप्ताह अस्पताल में रहने के बाद आज सुबह ही मैं डिस्चार्ज हुआ हूं। उन्होंने बताया कि इस दौरान वे अपनी सोसाईटी के लोगों व बुजुर्गों के साथ वाट्सएप के माध्यम से जुड़े रहे।

         इसी प्रकार विशेष आवश्यकता वाले बच्चे मोहित की माता श्रीमती मोनिका ने भी मुख्यमंत्री के साथ अपने विचार सांझा किये कि उनकी बेटी कुमारी मनु लंदन में पड़ती है और इस महामारी की स्थिति  को देखते हुए वह भारत लौट आई थी। 16 मार्च को गुरुग्राम के सैक्टर 10 में उनकी बेटी का कोरोना टेस्ट हुआ था, जो 17 मार्च को पोजिटिव आया था। इसको देखते हुए परिवार के सभी सदस्यों का कोरोना टेस्ट किया गया, जिसमें 18 मार्च को उनके बेटे मोहित का भी कोरोना टेस्ट पोजिटिव आया और दोनों को गुरुग्राम के सैक्टर 10 के नागरिक अस्पताल में तीन-चार दिन भर्ती रखा गया। अस्पताल के डॉक्टर, नर्सों व पैरा-मेडिकल स्टॉफ का व्यवहार बहुत ही अच्छा था। बाद में फोर्टिज अस्पताल में दोनों को दाखिल करवाया गया तथा 29 मार्च को दोनो को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। श्रीमती मोनिका ने मुख्यमंत्री को बताया कि 14 दिन अस्पताल में रहने के बाद 14 दिन घर में क्वारटाइन में रहने के बाद आज उनका 28 दिन का समय पूरा हो गया है।

         इसी प्रकार, मुख्यमंत्री ने फरीदाबाद के अमृत पाल सिंह और गुरुग्राम के मनु वैश्य, जो सफदरगंज अस्पताल, दिल्ली से ठीक होकर आए थे, से भी बातचीत की। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि जो लोग कोरोना की लड़ाई से लडक़र आएं हैं, उनके प्रति सहानुभूति जतानी होगी, जिसके लिए सरकार द्वारा हर प्रकार की सहायता मुहैया करवाई जाएगी।

मनोहर लाल ने कहा कि लॉकडाउन अवधि के दौरान लोगों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा है, चाहे वह किसान है, मजदूर है या छोटा दुकानदार है। उन्होंने लोगों से अपील की कि हमें यह सोचना होगा कि ऐसे लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक करने के लिए किस प्रकार मदद करनी है। सरकार इस ओर पूरा प्रयास कर रही है।

         मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग लॉकडाउन अवधि के दौरान अपने घरों में रह रहे हैं और एकांतवास में जीवन व्यतीत कर रहे हैं, उनको भी इस समय का सदुपयोग करना चाहिए और नई ऊर्जा का संचार करना चाहिए। जैसे कि प्राचीन काल में हमारे ऋषि-मुनि एकांतवास में जाकर साधना व तप करते थे और अपने आप में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते थे। 

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