देश के 46 उद्यमियों को राष्‍ट्रीय एमएसएमई पुरस्‍कार, यूपी के सुधाकर अग्रवाल को प्रथम पुरस्कार

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नई दिल्ली। केन्‍द्रीय सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम (एमएसएमई) तथा सड़क परिवहन और राष्‍ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार कारोबारी सुगमता के लिए एमएसएमई क्षेत्र में नियमों को सरल बना रही है। देश के आर्थिक विकास में एमएसएमई उद्योगों के योगदान की सराहना करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि रोजगार सृजन की अपार क्षमता वाला यह क्षेत्र निर्यात से अच्‍छी आमदनी में बड़ा योगदान कर रहा है।

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केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार इस क्षेत्र को वित्त की उपलब्धता बढ़ाने पर काम कर रही है और बैंकों ने इस वर्ष इन्‍हें ऋण देने के मामले में बेहतर काम किया है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि बेहतर प्रदर्शन करने वाले एमएसएमई को पूंजी बाजार से पैसा उठाना चाहिए।

इस अवसर पर विभिन्‍न श्रेणियों के तहत 46 एमएसएमई उद्यमियों को सम्मानित किया गया और उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 4पुरस्कार विभिन्न राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को दिए गए। 

श्री गडकरी बुधवार को नई दिल्‍ली में एमएसएमई उद्योगों को विभिन्‍न क्षेत्रों में उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन के लिए राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार प्रदान किये जाने के अवसर पर बोल रहे थे।

उन्‍होंने कहा कि पुरस्‍कार प्राप्‍त करने वाले उद्यमी देश भर में एमएसएमई उद्यमियों को उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन के लिए प्रोत्‍साहित करेंगे।

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श्री गडकरी ने राष्‍ट्रीय एमएसएमई पुरस्‍कार दिए जाने की सराहना करते हुए कहा कि इससे इस क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करने वालों को प्रोत्‍साहन मिलता है। उन्‍होंने आश्‍वस्‍त किया कि सरकार एमएसएमई क्षेत्र की बेहतरी के लिए लगातार काम करती रहेगी। उन्‍होंने कहा, ‘अर्थव्‍यवस्‍था, निर्यात और रोजगार सृजन में आपके योगदान के महत्‍व को देखते हुए मेरा यह मानना है कि देश की भलाई एमएसएमई क्षेत्र की बेहतरी से ही संभव है। मैंने इसी बात को ध्‍यान में रखते हुए अधिकारियों से कहा है कि वे एमएसएमई क्षेत्र के लिए ऐसी योजनाएं और पहलें शुरू करें, जो विकासोन्‍मुख, समग्र और पर्यावरण के अनुकूल हों। उन्‍होंने कहा कि सरकार बेहतर अवसंरचना विकास, वित्‍त की उपलब्‍धता, प्रौद्योगिकी, बाजार और कौशल के माध्‍यम से एमएसएमई क्षेत्र को सशक्‍त बनाना चाहती है। यह सब एक ऐसे माहौल में किया जाना है, जिससे कारोबार सुगम हो सके।’

एमएसएमई तथा पशुपालन, मत्‍स्‍य और डेयरी राज्‍य मंत्री श्री प्रताप चन्‍द्र सारंगी ने पुरस्‍कार विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि एमएसएमई क्षेत्र देश के विकास और उन्‍नति में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्‍होंने निर्यात क्षेत्र में एमएसएमई की भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि इस क्षेत्र को सीधे निर्यात को बढ़ावा देना चाहिए।

एमएसएसमई सचिव डॉ. अरूण कुमार पांडा ने कहा कि सरकार देश में एमएसएमई क्षेत्र को प्रोत्‍साहित करने के लिए काफी कुछ कर रही है। उन्‍होंने कहा कि जीएसटी के माध्‍यम से अर्थव्‍यवस्‍था को सुव्‍यव्‍यवस्थित किया जा रहा है और जीएसटी से अर्जित राजस्‍व का बड़ा हिस्‍सा एमएसएमई क्षेत्र से आता है।

उन्होंने बताया कि 22 भाषाओं में एक एकल पोर्टल विकसित किया जा रहा है जो एक ही मंच पर एमएसएमई के लिए सभी योजनाओं की जानकारी प्रदान करेगा। एक वैश्विक बाजार खुफिया प्रणाली भी विकसित की जा रही है जो एमएसएमई क्षेत्र के उद्योगों को निर्यात से संबंधित जानकारी प्रदान करेगी।

राष्ट्रीय एमएसएमई पुरस्कार 1983 में उद्यमिता (विनिर्माण और सेवा),उत्पाद की गुणवत्ता, नवाचार, निर्यात और विनिर्माण तकनीकों के क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित करने के लिए स्थापित किए गए थे। 1983 के बाद से, अब तक, 24 राष्ट्रीय एमएसएमई पुरस्कार समारोह हो चुके हैं।

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं को अपने लेटर हेड में पुरस्कार के प्रतीक चिन्‍ह का उपयोग करने का अधिकार मिलता और उनके कर्मचारी इस प्रतीक चिन्‍ह वाले लेबल, पिन, टाई या अन्य विशिष्ट तरह के बैज पहन सकते हैं।

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