जवाहर नवोदय विद्यालयों के लिए प्रवेश परीक्षा 561 जिलों में संपन्न

Font Size

सत्र 2020-21 के लिए के 8252 केंद्रों में हुई परीक्षा

इस सत्र के लिए आवेदक-सीट का अनुपात 63 : 1 है

छठी कक्षा में 48000 सीटों पर प्रवेश के लिए 30 लाख से अधिक बच्चों ने किया है आवेदन

आवेदकों में 46.19% लड़कियां जबकि 83.91% ग्रामीण उम्मीदवार

पिछले साल प्रवेश पाने वाले लगभग 93% उम्मीदवार ग्रामीण छात्र थे

नई दिल्ली : सत्र 2020-21 के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय में प्रवेश परीक्षा आज 561 जिलों के 8252 केंद्रों में आयोजित की गई। जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) में छठी कक्षा में नामांकन हर साल चयन परीक्षा के माध्यम से होता है। यह मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों से छात्रों के चयन के लिए आयोजित सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक है।

सत्र 2020-21 के लिए आवेदक-सीट का अनुपात 63 : 1 है। सत्र 2020-21 के लिए छठी कक्षा में 48000 सीटों पर प्रवेश के लिए 30,46,506 आवेदकों ने ऑनलाइन मोड के माध्यम से पंजीकरण कराया जिनमें  46.19% लड़कियां, 19.05% एससी, 29.23% एसटी और 83.91% ग्रामीण उम्मीदवार हैं। इसी परीक्षा में पिछले साल 30,10,710 उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था जिसमें से 45.2% लड़कियां, 18.13% एससी, 27.42% एसटी और 81.26% ग्रामीण उम्मीदवार थे।

जवाहर नवोदय विद्योलयों की प्रवेश नीति के अनुसार, जिले में कम से कम 75% सीटें ब्लॉक स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों से चयनित उम्मीदवारों द्वारा भरी जाती हैं और शेष सीटें जिला स्तर पर मेरिट के आधार पर भरी जाती हैं। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बच्चों के लिए सीटों का आरक्षण संबंधित जिले में उनकी आबादी के अनुपात में प्रदान किया जाता है, बशर्ते कि किसी जिले में ऐसा आरक्षण राष्ट्रीय औसत (एससी के लिए 15% और एसटी के लिए 7.5%) से कम नहीं होगा। लेकिन, दोनों श्रेणियों (एससी और एसटी) को मिलाकर अधिकतम 50% सीट आरक्षित की जाती है। कुल सीटों का न्यूनतम 33% लड़कियों द्वारा भरा जाता है।

भारत सरकार के नियमों के अनुसार दिव्यांग बच्चों के लिए आरक्षण (अर्थात आर्थोपेडिक रूप से दिव्यांग, श्रवण बाधित और नेत्रहीन दिव्यांग) का प्रावधान है। एनवीएस प्रणाली ने आबादी के वंचित वर्ग के उद्देश्य को सफलतापूर्वक पूरा किया है। अभी लगभग 40% छात्राएं हैं। एससी और एसटी के मामले में, यह वर्तमान में कुल छात्र संख्या का लगभग 44% है। पिछले साल प्रवेश पाने वाले लगभग 93% उम्मीदवार ग्रामीण छात्र थे।

You cannot copy content of this page