हरियाणा के सभी राजमार्ग व रेल पटरियां एक माह बाद नजर आएंगे स्वच्छ और सुंदर !

Font Size

– गुरुग्राम में दो दिवसीय रीजनल कॉन्फ्रेंस में बोले एनजीटी मॉनिटरिंग कमेटी के चेयरमैन

– हरियाणा में हाइवे से गुजरने वाले यात्रियों में निखरेगी प्रदेश की छवि

– प्रदेश में आने वाले विदेशी पर्यटक भी लेकर जाएंगे अच्छा संदेश

चंडीगढ़, 12 जनवरी : हरियाणा के हाईवे तथा रेल मार्ग से जाने वाले यात्रियों को एक महीने बाद यह प्रदेश ज्यादा स्वच्छ और सुंदर नजर आएगा तथा उन यात्रियों के मन मस्तिष्क में प्रदेश की अच्छी छवि बनेगी। प्रदेश में आने वाले विदेशी पर्यटक भी हरियाणा के बारे में अच्छा संदेश लेकर जाएंगे।

गुरुग्राम में क्लीन पर्यावरण बनाने को लेकर 10 जनवरी और 11 जनवरी को आयोजित दो दिवसीय रीजनल कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस (सेवानिवृत्त) आदर्श कुमार गोयल की उपस्थिति में हरियाणा के सभी 22 जिलों से होकर गुजरने वाले नेशनल हाईवे तथा स्टेट हाईवे व रेलवे लाइनों के साथ वाले क्षेत्रों को एक महीने के भीतर गार्बेज फ्री यानी कचरे से मुक्त करने का संकल्प एनजीटी द्वारा गठित सॉलिड वेस्ट तथा घग्गर मॉनिटरिंग कमेटी के चेयरमैन जस्टिस (सेवानिवृत) प्रीतम पाल द्वारा दिलवाया गया।

इस कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव श्रीमती केशनी अरोड़ा भी उपस्थित थी और उनकी उपस्थिति में कॉन्फ्रेंस में भाग ले रहे हरियाणा के एनसीआर क्षेत्र में पडऩे वाले जिलों के नगर निगमनगर परिषद तथा नगर पालिकाओं के अधिकारियोंइंजीनियरों के अलावा सभी स्टेक होल्डरों ने यह संकल्प लिया।

 हरियाणा से 32 नेशनल हाईवे होकर गुजरते हैंजिनकी कुल लंबाई लगभग 2484 किलोमीटर है तथा 31 स्टेट हाईवे हैजिनकी लंबाई अठारह सौ किलोमीटर से अधिक है। इनके अलावा, 11 एक्सप्रेस-वे हैं। रेलवे लाइन का नेटवर्क भी हरियाणा में है जो उत्तर से दक्षिण तक पूरे राज्य को कवर करता है। यदि यह सारा क्षेत्र कचरा फ्री हो जाता है तो हरियाणा का अधिकांश भाग स्वच्छ हो जाएगा और जो काम स्वच्छ भारत मिशन में नहीं हो पाया वह संभव हो सकेगा।

जस्टिस प्रीतम पाल ने नेशनल हाईवेस्टेट हाईवे तथा रेलवे लाइनों के साथ वाले क्षेत्र को एक महीने में कचरा फ्री बनाने का जो लक्ष्य दिया है वह चुनौती से कम नहीं हैपरन्तु उनका कहना था कि यदि अधिकारी ठान लें तो यह काम मुश्किल भी नहीं है। कॉन्फ्रेंस में मौजूद अधिकारियों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्होंने रोहतक तथा हिमाचल प्रदेश के परवाणू के उदाहरण भी दिए और बताया कि किस प्रकार आम जनता तथा जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर यह काम आसानी से हो सकता है। जस्टिस प्रीतम पाल का कहना था कि कोई एक अधिकारी भी यदि ठान ले तो वह अपने अधिकार क्षेत्र को स्वच्छ व सुंदर बना सकता है।

उन्होंने कहा कि काम करने की इच्छा शक्ति होनी चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने यह भी कहा कि जिस जिला के अधिकारी इस काम को एक महीने में कर दिखाएंगेउस जिले के डीसी तथा स्वच्छता के कार्य को मुकम्मल करने वाले अधिकारियों को सम्मानित करने की अनुशंसा भी वे राज्य सरकार से करेंगे।

दो दिवसीय रीजनल कॉन्फ्रेंस में देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के स्वच्छता मॉडल या अन्य मॉडलों को प्रदर्शित किया गया

You cannot copy content of this page