राजस्थान राजमार्ग के विकास के लिए विश्व बैंक के साथ करार

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नई दिल्ली। भारत सरकार, राजस्‍थान सरकार और विश्‍व बैंक ने आज राजस्‍थान राजमार्ग विकास कार्यक्रम II परियोजना के लिए 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण समझौते पर हस्‍ताक्षर किए। इसका उद्देश्‍य राजस्‍थान के राजमार्गों के बेहतर प्रबंधन के लिए राज्‍य की क्षमता को बढ़ाना और राजस्‍थान के चुनिंदा राजमार्गों पर यातायात के प्रवाह को बेहतर बनाना है।

विश्‍व बैंक से सहायता प्राप्‍त इस परियोजना से राज्‍य के 766 किलोमीटर लंबे राजमार्गों और प्रमुख जिला सड़कों के निर्माण, उन्‍नयन, सुधार और रखरखाव में मदद मिलेगी। इससे ठेकों के प्रबंधन, डेटा रिपोर्टिंग, गुणवत्‍ता नियंत्रण इत्‍यादि के लिए एक ऑनलाइन परियोजना प्रबंधन प्रणाली का निर्माण करने और एक स्‍मार्ट फोन एप्‍लीकेशन को विकसित करने में भी मदद मिलेगी।

वित्‍त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में अपर सचिव श्री समीर कुमार खरे ने कहा कि राजस्‍थान में राज्‍य राजमार्गों का विकास राष्‍ट्र स्‍तरीय कनेक्टिविटी कार्यक्रमों की सफलता के लिए अत्‍यंत आवश्‍यक है। विश्‍व बैंक की परियोजना से इस राज्‍य को न केवल अपने सड़क नेटवर्क का विस्‍तार करने में मदद मिलेगी, बल्कि इसका राज्‍य व्‍यापी परिवहन पूंजीगत निवेश के स्‍वरूप एवं कार्यान्‍वयन पर भी टिकाऊ या स्‍थायी प्रभाव पड़ेगा।

उपर्युक्‍त ऋण समझौते पर भारत सरकार की ओर से श्री समीर कुमार खरे और विश्‍व बैंक की ओर से कार्यवाहक कंट्री डायरेक्‍टर (भारत) श्री शंकर लाल ने हस्‍ताक्षर किए। उधर, परियोजना संबंधी समझौते पर राजस्‍थान सरकार की ओर से लोक निर्माण विभाग में मुख्य अभियंता एवं अपर सचिव श्री एम.एल.वर्मा और विश्‍व बैंक की ओर से कार्यवाहक कंट्री डायरेक्‍टर (भारत) श्री शंकर लाल ने हस्‍ताक्षर किए।

इस परियोजना से लोक निर्माण विभाग (पीडब्‍ल्‍यूडी) की क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी जो राज्‍य के लगभग 70 प्रतिशत सड़क नेटवर्क के साथ-साथ राजस्‍थान राज्‍य राजमार्ग प्राधिकरण के नेटवर्क के लिए भी जवाबदेह है।

राजस्‍थान सरकार ने ‘रिसर्जेंट राजस्थान’ के अपने विजन के तहत एक प्रमुख कार्यक्रम के रूप में वित्‍त वर्ष 2014-15 में ‘राजस्‍थान राजमार्ग विकास कार्यक्रम’ का शुभारंभ किया था। इस महत्‍वाकांक्षी योजना का लक्ष्‍य सार्वजनिक-निजी साझेदारियों के जरिये 20,000 किलोमीटर लंबे राज्‍य राजमार्गों और प्रमुख जिला सड़कों को विकसित करना है।

विश्‍व बैंक से सहायता प्राप्‍त इस परियोजना से राजस्‍थान की प्रतिस्‍पर्धी क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी क्‍योंकि इससे राज्‍य की आम जनता विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों और विभिन्‍न गलियारों (कॉरिडोर) के आसपास स्थित छोटे केंद्रों में रहने वाले लोगों की पहुंच बुनियादी सेवाओं तक बढ़ जाएगी।

अंतरराष्‍ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (आईबीआरडी) से प्राप्‍त होने वाले 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण की परिपक्‍वता अवधि 25 साल है जिसमें 5 साल की मोहलत अवधि भी शामिल है।

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