हरियाणा के सभी 10 संसदीय क्षेत्रों में कुल 66. 69 प्रतिशत मतदान : करनाल में सबसे कम वोटिंग

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चंडीगढ़. निर्वाचन आयोग हरियाणा की ओर से जानकारी दी गई है की प्रदेश के सभी 10 लोकसभा क्षेत्रों में आज मतदान संपन्न हो गया. प्रदेश के सभी 10 संसदीय क्षेत्रों में कुल 66. 27 प्रतिशत मतदान हुए हैं. प्रदेश में सर्वाधिक मतदान सिरसा लोकसभा क्षेत्र में जबकि करनाल लोकसभा क्षेत्र में सबसे कम मतदान की रिपोर्ट आई है. हालांकि कुल मतदान का प्रतिशत संतोषजनक रहा है लेकिन निर्वाचन आयोग की ओर से चलाए गए अभियान का सिरसा को छोड़ कर किसी और क्षेत्र पर बहुत अधिक असर हुआ नहीं दिखता है. देश के कई राज्यों में जहां 70% के आसपास भी मतदान हुए हैं वहीं हरियाणा में इससे कम मतदान होना कई सवाल खड़े कर रहा है. ज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी आंकड़े बताते हैं कि अंबाला लोकसभा क्षेत्र में शाम 8 :00 बजे तक 67. 57 प्रतिशत जबकि कुरुक्षेत्र संसदीय फिर में 68. 78 प्रतिशत मतदान हुए है. सिरसा लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 73. 11 प्रतिशत और हिसार में 68.39 प्रतिशत लोगों ने मतदान किए हैं. दूसरी तरफ करनाल संसदीय क्षेत्र जो हरियाणा के मुख्यमंत्री का अपना क्षेत्र है में सबसे कम मतदान 58.96 प्रतिशत ही होने की खबर है जबकि सोनीपत जहां से पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनावी मैदान में हैं में 67.40 प्रतिशत लोग मतदान केंद्रों तक पहुंचे. प्रदेश का एक और बेहद महत्वपूर्ण क्षेत्र रोहतक इस मामले में थोड़ा आगे रहा और वहां छिटपुट तनातनी की खबरों के बीच 68.36 प्रतिशत मतदान हुए हैं. हरियाणा के सभी 10 संसदीय क्षेत्रों में कुल 66. 69 प्रतिशत मतदान : करनाल में सबसे कम वोटिंग 2 भिवानी महेंद्रगढ़ क्षेत्र में भी कुछ रोहतक जैसी स्थिति बनी रही. यहां से भाजपा के प्रत्याशी धर्मवीर जबकि कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी को उम्मीदवार बनाया है. यहां भी 69..87 प्रतिशत लोगों ने अपने सांसद को चुनने के लिए वोट डाले. प्रदेश के महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र फरीदाबाद में मतदान का प्रतिशत 61.28 की सीमा में रहा. गुड़गांव में भी 61.93 प्रतिशत मतदान हुए हैं. दोनों हरियाणा प्रदेश के लिए आर्थिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र माने जाते हैं और यहां भारत के लगभग सभी राज्यों के मतदाता रहते हैं. दोनों ही संसदीय क्षेत्रों में मेवात का इलाका आता है जो यहां के चुनावी परिणाम को प्रभावित करते हैं. इस बार भी फरीदाबाद और गुरुग्राम के चुनावी परिणाम पर मेवात के मतदाताओं का पूरा असर दिखने की संभावना है.

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