क्या पंजाब वित्तीय संकट से गुजर रहा है ?

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सरकारी कर्मचारियों के जीपीएफ, डीए व मेडिकल बिलों की अदायगी पर रोक

चंडीगढ़ : पंजाब सरकार बड़े वित्तीय संकट से जूझ रही है। इस बीच वित्त विभाग ने कर्मचारियों के जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ), मेडिकल बिलों व महंगाई भत्ते (डीए) की अदायगी पर रोक लगा दी है। इसके लिए वित्त विभाग ने जुबानी आदेश जारी किए हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार सेवामुक्त हुए मुलाजिमों के अक्टूबर तक के बिल ही क्लीयर हो पाए हैं। सरकारी खजाने की हालत इतनी खराब है कि सरकारी दफ्तरों में लगे टेलीफोन, बिजली के बिल और सरकारी गाड़ियों के पेट्रोल-डीजल के बिल भी कई महीनों बाद पास हो रहे हैं। कई अभी तक फंसे हैं। बताया जा रहा है कि पिछले महीने कई दफ्तरों के टेलीफोन कनेक्शन काट दिए गए थे। अब अधिकारियों को बिजली कनेक्शन कटने का डर सता रहा है।

विभाग के सूत्रों का कहना है कि सरकारी खजाने की हालत खराब होने के कारण अकसर बिलों की अदायगी देरी से होती रही है, लेकिन अब संकट और बढ़ गया है। वहीं, कर्मचारियों की ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रधान एनपी सिंह और जनरल सेक्रेटरी सुखचैन सिंह खैहरा का कहना है कि सरकारी खजाना मुलाजिमों के लिए खाली हो जाता है, जबकि मंत्रियों, विधायकों की तनख्वाह व बिलों का भुगतान तुरंत कर दिया जाता है।

मुलाजिम नेताओं का कहना है कि हर कर्मचारी अपनी सुविधा के मुताबिक जीपीएफ कटवाता है, ताकि जरूरत पड़ने पर इसका प्रयोग किया जा सके, लेकिन अब मुलाजिमों को अपना जीपीएफ का पैसा लेने के लिए छह-छह महीने का इंतजार करना पड़ रहा है। उन्हें बिल पास करवाने के लिए कई तरह की सिफारिशें भी लगवानी पड़ती हैं।

राज्यस्तरीय हड़ताल की चेतावनी

मुलाजिम नेताओं का कहना है कि यदि सरकार ने छठे वेतन आयोग आयोगकी सिफारिशें, पुरानी पेंशन स्कीम, बराबर काम बराबर तनख्वाह, डीए की किश्तों और बकाया बिलों का भुगतान नहीं किया तो साझा कर्मचारी मंच राज्यस्तरीय हड़ताल करेगा। इस मामले पर वित्त विभाग व सरकार के उच्च अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

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