कांग्रेस के नेतृत्व में जुटे 21 पार्टियों के नेता, बीजेपी और आरएसएस को मिलकर हराने की कसमें खाई

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नई दिल्ली। संसद के शीत सत्र से पहले सोमवार को विपक्षी एकजुटता और अलग-अलग मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार करने के लिए विपक्षी पार्टियों की बैठक हुई। इसमें कांग्रेस सहित 21 पार्टी के नेताओं ने हिस्सा लिया और यह सहमति बनी कि ‘संविधान और संस्थाओं की रक्षा करने’और बीजेपी को हराने के लिए वे मिलकर लड़ेंगे। इस बैठक की खास बात यह रही कि सपा और बसपा के कोई भी प्रतिनिधि इसमें शामिल नहीं हुए।

नई दिल्ली में आयोजित इस बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल संसद के भीतर और बाहर मोदी सरकार को घेरेंगे। गांधी ने कहा कि ‘बैठक में यह सहमति बनी है कि सभी स्वायत्त संस्थाओं या संवैधानिक संस्थाओं पर बीजेपी के हमले को रोकना है। राफेल और नोटबंदी के दैरान हुई गड़बड़ियों के खिलाफ लड़ेंगे। यह भी सहमति बनी है कि हम मिलकर बीजेपी और आरएसएस को हराएंगे। संसद के भीतर और बाहर हम तालमेल बनाए रखेंगे।’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आरबीआई के गवर्नर ने इस्तीफा दिया क्योंकि वह केंद्रीय संस्था की सुरक्षा कर रहे थे। आरबीआई से रिजर्व पैसा लेकर अपना बचाव करना देश के खिलाफ कदम है। मुझे गर्व है कि सारी संस्थानों से लोग इसके खिलाफ खड़े हो रहे हैं।

मीडिया को संबोधित करते हुए तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख एवं आंध्रप्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा, ‘यह ऐतिहासिक बैठक हुई। जो भी बीजेपी का विरोध कर रहे हैं और संस्थाओं और भारत को बचाना चाहते हैं वो साथ आए हैं। यह राष्ट्र की आवाज है।’

उन्होंने कहा कि इस सरकार को जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो देश का बड़ा नुकसान हो सकता है। नायडू ने कहा कि विपक्षी दलों के बीच तालमेल को लेकर कार्ययोजना बनेगी और विपक्ष के नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात कर सकते हैं।

गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी के खिलाफ मोर्चा बनाने के लिए हुई विपक्षी नेताओं की बैठक में बसपा और सपा ने भाग नहीं लिया।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर देश को गलत राह पर ले जाने का आरोप लगाया और कहा कि इसकी गतिविधियों के चलते राष्ट्र की स्वतंत्रता खतरे में पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश की स्वतंत्रता को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई थी लेकिन “पिछले साढ़े चार साल से, बीजेपी ने ऐसी बातों को बल दिया है जो भारतीय इतिहास को गलत ढंग से प्रभावित कर सकती है।”

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